दोस्तों T series आज भारत की सबसे बड़ी म्यूसिक कंपनी तो हैं ही साथ ही साथ इसका नाम दुनिया की भी सबसे बड़ी म्यूसिक कंपनियों में लिया जाता हैं और 60% मार्केट शेयर के साथ T series आज उस मुकाम पर पहुँच चुकी हैं जहाँ से इसके लिए सिर्फ और सिर्फ कामयाबी ही बचती हैं। और दोस्तों इस म्यूसिक कंपनी को एक छोटे बिज़नेस से शुरुआत करके कामयाबी की नई बुलंदियों तक ले जाने वाले का नाम था गुलशन कुमार जिन्होंने अपनी शुरुआती जीवन में बहुत ही संघर्ष किये लेकिन समय बीतने के साथ ही उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर कामयाबी की नई इबारत लिखी।
हालाँकि सफलता के बुलंदियों पर राज़ कर रहे हैं। गुलशन कुमार से जलन रखने वाले लोगों ने महज 41 साल की उम्र में ही उनकी हत्या करवा दी। लेकिन उनका यह छोटा सा ही जीवन दुनिया के बहुत सारे लोगों के लिए एक मिसाल बन गया और आज भी उनकी लाइफ स्टोरी लाखों करोड़ों लोगों को प्रेरणा देने का काम करती है। तो चलिए दोस्तों आज की इस ब्लॉग में हम T series की पूरी कहानी जानते हैं कि किस तरह से एक समय जुइस बेचने वाले लड़के ने ऐसी म्यूसिक कंपनी बनाई। जो ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया की वॅन ऑफ़ दी लार्जेस्ट म्यूसिक रिकॉर्ड लेवल बनकर सामने आई ।
Sure, here is the information formatted in two columns:
Category | Details |
---|---|
जन्म | गुलशन कुमार दुआ 5 मई 1956 नई दिल्ली, भारत |
मौत | 12 अगस्त 1997 मुम्बई, महाराष्ट्र, भारत |
मौत की वजह | हत्या, शरीर के ऊपरी भाग और सिर पर गोली मारकर |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | देशबंधु कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय |
पेशा | व्यवसायी, फ़िल्म निर्माता |
कार्यकाल | 1972–97 (निधन तक) |
बच्चे | 3, भूषण कुमार और तुलसी कुमार को मिलाकर |
संबंधी | कृष्ण कुमार (भाई) |
T series की शुरुआत कब और किसने की:
तो दोस्तों इस कहानी की शुरुआत होती है 5 मई 1956 से, जब नई दिल्ली के पंजाबी हिंदू परिवार में गुलशन कुमार दुआ का जन्म हुआ। उनके पिता का नाम चंद्रभान कुमार दुआ था, जो की दिल्ली के दरियागंज इलाके में जुस बेचने का काम किया करते थे और फिर अपने पिता का हाथ बटाने के लिए गुलशन कुमार ने भी बचपन से यही काम करना शुरू कर दिया था।
हालांकि आगे चलकर जुस के काम में फायदा बहुत ही कम हो जाने की वजह से उन्होंने ऑडियो कैसेट्स बेचने का काम शुरू किया और उस टाइम ऑडियो कैसेट्स मार्केट में नया नया आने की वजह से उनका यह बिज़नेस बहुत ही जल्द चलने लगा और फिर कुछ पैसे इकट्ठे हो जाने के बाद से उन्होंने नॉएडा में भी अपना काम बढ़ाया और सुपरकसेट्स इंडस्ट्रीज नाम से एक म्यूसिक कंपनी की शुरुआत कर दी और फिर कुछ समय के बाद से उन्हें यह अहसास हुआ कि अगर बॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़े हुए कोई भी बड़े काम करने हैं तो उसके लिए उन्हें मुंबई शिप होना ही पड़ेगा।
और फिर इसी सोच के साथ गुलशन कुमार मुंबई चले गए जहाँ पर उन्होंने संगीत को और भी अच्छे से समझा और अपने बिज़नेस को भी बढ़ाना शुरू कर दिया और फिर आगे चलकर 1983 में उन्होंने अपनी म्यूसिक कंपनी का नाम बदल कर T series कर दिया ।
सफ़लता की वजह से हुई हत्या:
दोस्तों T series ने पहली बार अपना ओरिजिनल म्यूसिक 1984 में लल्लू राम नाम के फ़िल्म से दिया था। हालांकि शुरुआती समय में T series की ऐसी कोई भी एल्बम नहीं आई जो कि कंपनी को एक नई पहचान दिलवा सकी और इस दौर में खुद गुलशन कुमार के गाए हुए कई सारे भजन कंपनी अपने लेवल के अंतर्गत रिलीज़ करती रही और वह सभी भजन आज भी लोगों के द्वारा सुनने को मिली जाती है।
हालांकि आगे भी अपने प्रयास को गुलशन कुमार ने जारी रखा और फिर पहली बार 1990 में आशिकी फ़िल्म के गानों से कंपनी को नई पहचान मिल सकी। और इस एल्बम की लगभग 20 मिलियन कॉपीस बेची गयी जो की आज भी सबसे ज्यादा बेचे जाने वाले एल्बम में से एक है। और फिर यही से T series को जो सफलता मिलनी शुरू हुई वो आगे कभी भी नहीं रुकी और 1997 आते आते टी सीरीज बॉलीवुड की सबसे बड़ी म्यूसिक लेवल के तौर पर सामने आई और यही से हर 1 दिन गुलशन कुमार कामयाबी की एक नई गाथा लिख रहे थे।
लेकिन उनकी इतनी तेजी से तरक्की को देखते हुए उनके बहुत सारे कॉम्पिटिटर्स जलन की भावना रखने लगे थे और इसी के चलते जब वो सिर्फ 41 साल के थे तब उनकी हत्या करवा दी गई और फिर छानबीन में यह पाया गया की इस हत्या में D-Company का हाथ था और जब उनकी हत्या हुई थी तब सुदेश कुमारी यानी कि उनकी वाइफ से उन्हें एक लड़का और दो लड़कियां थी जिनमें लड़के का नाम भूषण कुमार और लड़कियों का नाम तुलसी और खुशहाली है।
वर्तमान समय में टी सीरीज का मालिक है:
गुलशन कुमार के मृत्यु के बाद से टी सीरीज को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनके भाई किशन कुमार और बेटे भूषण कुमार ने संभाल ली और फिर इन्होंने भी समय के साथ बदलाव कर के इस म्यूसिक एम्पायर को और भी उचाई तक पहुंचाया और जो की गुलशन कुमार के बेटे भूषण कुमार एक नई उम्र के युवा थे इसीलिए उन्होंने अपनी समझ से टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया और यही वजह है की आज भी टी सीरीज देश का नंबर वॅन म्यूसिक रिकॉर्ड लेवल है।
क्या टी सीरीज का यूट्यूब पर भी चैनल:
13 मार्च 2006 को टी सीरीज का यूट्यूब पर भी चैनल बनाया गया, जो की आज पूरी दुनिया में यूट्यूब का दूसरा सबसे बड़ा चैनल है। ये चैनल बनाने के 4 साल के बाद से यानी की 2010 में टी सीरीज ने अपना पहला वीडियो अपलोड किया था और इस चैनल पर फिलहाल 65 मिलियन से भी ज्यादा सब्सक्राइबर हो चूके हैं, जो कि शायद आपके वीडियो देखते समय और भी बढ़ चूके होंगे ।
क्योंकि हर दिन इस चैनल के साथ 1,50,000 नए सब्सक्राइबर जुड़ते हैं और इस कंपनी ने जनवरी 2018 से जुलाई 2018 के बीच सिर्फ अपने यूट्यूब चैनल से ही करीब 100 मिलियन डॉलर की कमाई की थी। हालांकि अंत में बस मैं यही कहना चाहता हूँ कि टी सीरीज कंपनी हर उन युवा के लिए एक मोटिवेशन है जो कि फिलहाल अपनी लाइफ में स्ट्रगल कर रहे हैं।
क्योंकि गुलशन कुमार अगर जुस बेचने से लेकर सबसे बड़ी म्यूसिक कंपनी खड़ा कर सकते हैं तो आप क्यों नहीं उम्मीद करते हैं कि गुलशन कुमार के इस लाइफ स्टोरी को जानकर आपको भी कुछ ना कुछ सीखने को जरूर मिला होगा ।
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