स्मृति ईरानी:एक ऐसी अभिनेत्री जिन्होंने फिल्मों में तो ना के बराबर काम किया फिर भी अपने अक्टिंग करियर के लिए खूब सुर्खियां बटोरी और घर घर में अपनी पहचान बनाई। मॉडल से एक्ट्रेस और फिर पॉलिटिशियन बनी वो शख्स जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। कई क्षेत्रों में सफलता हासिल की और एक दमदार महिला की छवि बनाई। लेकिन क्या आप मानेंगे कि पहले इनका परिवार एक गंदी बस्ती में भैंसों के तबेले के ऊपर रहा करता था। ये खुद दिल्ली के जनपथ पर खुदरा सामान बेचा करती थी और फिर मुंबई के एक रेस्टोरेंट में बर्तन धोने और झाड़ू पोछा करने का काम किया करती थी।
क्या आप जानते हैं कि साल 2004 में गुजरात कांड के बाद इन्होंने नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए? क्या आपको पता है कि साल 2004 और 2014 के लोक सभा चुनावों के लिए भरे गए अपने हलफनामे में इन्होंने अपनी शिक्षा कभी बी ए तो कभी बी कॉम बताई, जिसे लेकर भारी बवाल मच गया और लोगों ने इनके बस 12वीं पास होने के सुबूत पेश कर दिए।
और क्या आप यकीन करेंगे कि इनके ऊपर अपने दोस्त को धोखा देने और उसके अमीर पति को अपनी खूबसूरती के जाल में फंसा कर उससे शादी करने के आरोप लगाए गए? तो क्यों इनका नाम हमेशा विवादों से जुड़ता रहा। कौन थी इनकी वो सहेली जिनके घर में रहते हुए उनका पति छीनने के आरोप इन पर लगे और कैसे 12वीं पास होते हुए भी ये देश की कैबिनेट मिनिस्टर बन गई? इनकी जिंदगी की पूरी दास्तां आप बने रहिए हमारे साथ।
दोस्तों, अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि आज के अपने इस ब्लॉग में हम बात कर रहे हैं एक्ट्रेस टर्न पॉलिटिशियन स्मृति ज़ुबिन इरानी उर्फ स्मृति मल्होत्रा की बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि स्मृति ईरानी का मूल नाम स्मृति मल्होत्रा है जिससे इन्होंने शादी के बाद बदल कर स्मृति ईरानी रख लिया था। पर क्यों? स्मृति की ये शादी बेहद विवादित रही, इस पर आगे विस्तार से चर्चा करेंगे।
Personal Information:
- Born: 23 March 1976 (age 48 years), New Delhi
- Spouse: Zubin Irani (m. 2001)
- Children: Zoish Irani, Zohr Irani
- Education: Holy Child Auxilium School , School of Open Learning, University of Delhi
Professional Information:
- Party: Bharatiya Janata Party
- Awards: STAR Parivaar Award for Favourite Patni
- Office: Member of the Lok Sabha since 2019
स्मृति ईरानी की शरुआती जिंदगी:
लेकिन सबसे पहले चलिए जानते हैं स्मृति के बचपन फैम्ली बैकग्राउंड और इनकी शुरुआती जिंदगी के बारे में तो स्मृति का जन्म 23 मार्च 1976 को दिल्ली की एक लोअर मिडिल क्लास फैम्ली में हुआ था। इनके पापा अजय कुमार मल्होत्रा पंजाबी थे जो एक छोटी सी कुरियर कंपनी चलाते थे तो वही मम्मी शिवाणी बाग़ची बंगाली थी जो की घर संभाली थी। स्मृति की दो छोटी बहनें भी थी। बताया जाता है कि स्मृति के दादा आर एस एस के सदस्य रहे और इसी वजह से इनके पिता का भी झुकाव संघ की तरफ रहा और पूरे परिवार का भी मन एक तरह से संघी ही था।
स्मृति ने दिल्ली के ही होली चाइल्ड ओक्सेलियम स्कूल से शुरुआती स्टडी की और फिर 12 पास करने के बाद 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग में अडमिशन लिया। यहाँ से स्मृति कॉरेस्पोंडेंट से ग्रेजुएशन करना चाहती थी ताकि कॉलेज ना जाना पड़े और साथ में कुछ काम भी करती रहे क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। लेकिन स्मृति अपना ग्रेजुएशन पूरा नहीं कर सकी और 1 साल बाद ही 1995 में बी कॉम की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। 10- 11 के दौरान स्मृति अपनी फैम्ली को इकोनॉमिक सपोर्ट देने के लिए दिल्ली के जनपथ पर सामान भी भेजा करती थी।
ये खास कर कुछ ब्यूटी प्रोडक्ट्स बेचती थी, जिससे दिन का लगभग ₹200 कमा लेती थी। साल 1998 में कुछ दोस्तों की सलाह पर स्मृति ने मिस इंडिया कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने का फैसला किया और फोटो शूट वगैरह के लिए तैयारी करने लगी। लेकिन इनके पापा को ये बात पसंद नहीं आई और उन्होंने स्मृति को कहा कि ग्लैमर की चकाचौंध वाली दुनिया में इनको नहीं जाना चाहिए। पर स्मृति ईरानी अपनी धुन की पक्की थी। इन्होंने पिता की बात नहीं मानी और कुछ पैसे उधार लेके मुंबई चली गई।
वैसे तो कॉम्पिटिशन के लिए इनका सेलेक्शन हो गया लेकिन बिलकुल आम से दिखने वाली स्मृति को कुछ राउंड के बाद ही बाहर कर दिया गया। इस दौरान 1998 में ही स्मृति को सिंगर मीका सिंह के साथ एक गाने में काम करने का मौका मिला। स्मृति ने अब मुंबई में ही रहने का फैसला कर लिया था। लेकिन मायानगरी में रहना खाना और इधर उधर ऑडिशन देना इतना आसान नहीं था तो इसके लिए इन्होंने नौकरी की तलाश शुरू कर दी। अखबार में 1 दिन इन्हें दो वेकेंसीज़ दिखी। एक जेट एयरवेज़ में कैबिन क्रूकी और दूसरी मैकडोनाल्ड में।
कैशियर की पहले स्मृति जेट एयरवेज़ में जॉब इंटरव्यू के लिए पहुंची लेकिन वहाँ ये कहकर इन्हें बाहर कर दिया गया। आपकी शक्ल सूरत और पर्सनालिटी इसके लिए सूट नहीं करती। इसके बाद जब इस स्मृति मैकडोनाल्ड में इंटरव्यू के लिए गई तो कहा गया कि यहाँ तो सारी सीटें फुल हो गई हैं और बस अब क्लीनर की जॉब ही खाली बची है। स्मृति ने उसी काम को एक्सेप्ट कर लिया और क्लीनर के तौर पर ही वहाँ काम करने लगे। इस नौकरी के साथ ही स्मृति ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ऑडिशन देना भी जारी रखा और स्विंग सूट में भी कुछ फोटोशूट करवाए। इस बीच इन्हें कुछ छोटे मोटे मोडलिंग असाइनमेंट भी मिलते रहे।
स्मृति ईरानी को कैसे मिला सीरियल में काम करने का मौक़ा:
स्मृति को स्टार प्लस के एक टी वि सीरियल में काम करने का मौका मिला, जो इनका पहला सीरियल रहा। आतिश इसी साल स्मृति स्टार प्लस के एक और टी वि सीरियल में नजर आईं। जो था हम है कल, आज और कल। इस बीच स्मृति इरानी को एक शो ओह लाला होस्ट करने का मौका मिल गया, जिसे पहले से फेमस एक्ट्रेस नीलम कोठारी होस्ट कर रही थी। इसी शो के दौरान एकता कपूर और शोभा कपूर ने इन्हें नोटिस किया और ऑडिशन के लिए बुलाया। वहाँ स्मृति का सेलेक्शन हो गया और इन्होंने सीरियल के लिए काम करना शुरू किया।
तब बालाजी ने एक साथ अपने दो शोज के लिए स्मृति को साइन किया था। इनमें से एक था डी डी मेट्रो के लिए सीरियल कविता, जिसमें स्मृति को लीड रोल निभाने का मौका मिला और यह साल 2000 से 2001 के बीच तक चलता रहा। और दूसरा रहा बालाजी का ही बड़े बजट का सीरियल क्योंकि सास भी कभी बहुत ही जिसे स्टार प्लस पर टेलीकास्ट करना था । स्मृति इरानी को असली पहचान इसी से मिली। एकता कपूर ने अपनी टीम के विरोध के बावजूद इन्हें इस सीरियल का लीड रोल दिया। इस सीरियल के जरिए स्मृति ईरानी घर घर में फेमस हो गई।
इसमें इन्होंने तुलसी नाम की महिला का किरदार निभाया, जिससे भारतीय महिला दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किया गया। बालाजी का ये टी वि सीरियल 3 जुलाई 2000 से 6 नवंबर 2008 तक लंबा चला और स्मृति इसी के साथ एसोसिएटेड रहे। हालांकि 2007 में स्मृति ईरानी का निर्माता एकता कपूर के साथ मनमुटाव हुआ और इन्हें गौतमी कपूर से रेप्लस कर दिया गया। लेकिन फिर सुलह के बाद इन्होंने शो में वापसी कर ली।
तुलसी विरानी की भूमिका के लिए स्मृति को सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय अभिनेत्री के लगातार पांच आई टी ए पुरस्कार और चार भारतीय टेली पुरस्कार मिले थे। लेकिन इस सीरियल के शुरू होने के साथ ही स्मृति की पर्सनल लाइफ में भी कुछ बड़ा बदलाव हुआ था, जिसके बारे में बताना जरुरी होगा। और ये बदलाव था इनकी शादी।
शादीशुदा जिंदगी कैसी थी और क्यों उनकी शादी इतनी ज्यादा चर्चा में रही:
तो चलिए इनकी शादी के किस्से को भी विस्तार से जानते है। दरअसल साल 2001 में ही स्मृति ने एक पारसी बिजनेसमैन ज़ुबिन इरानी से शादी कर ली थी, लेकिन इस शादी को लेकर भी इनके ऊपर खूब आरोप लगे और आज भी समय समय पर इनके विरोधी और सोशल मीडिया यूजरर्स इसे लेकर सवाल पूछते रहते हैं। तो स्मृति इरानी के कुछ राजनीतिक विरोधियो के मुताबिक जब ये दिल्ली से मुंबई अपना करियर बनाने आई थी तो वहाँ इन्होंने अपनी एक जानने वाली महिला के घर पर पनाह ली थी।
वो महिला थी मोना इरानी जो इनकी पारिवारिक मित्र थी तो वही कुछ लोग ये भी दावा करते है की जब स्मृति ने मैकडोनाल्ड में काम करना शुरू किया तो वही इनकी मुलाकात एक अमीर पारसी लड़की मोना इरानी से हुई थी जो मॉडल थी और उनके पति ज़ुबिन इरानी थे। वहाँ चुकी मोना अक्सर आती जाती थी तो उनके स्मृति से ठीक ठाक जान पहचान हो गई। धीरे धीरे ये दोस्ती बढ़ने लगी और स्मृति की परेशानियों को देखते हुए मोना इरानी ने कई बार इनके फ्लैट का किराया भी दिया।
मोना ने एक समय स्मृति को अपने घर में रहने का ऑफर भी दिया। मुश्किलों में जिंदगी गुजार रहे स्मृति भी मान गयी और मोना के घर रहने चली गई। इस दौरान स्मृति की दोस्ती मोना इरानी के पति जुबिन से भी हो गई और यही दोस्ती धीरे धीरे एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में बदल गई। हालांकि फिर इस स्मृति को कुछ टी वि शोज मिल गए और वह अलग रहने लगे। लेकिन अब तक मोना इरानी के अरबपति हज़्बंड जुबिन इरानी से इस स्मृति की नजदीकियां इतनी बढ़ चुकी थी कि जुबिन ने अपनी पत्नी को तलाक देने का फैसला कर लिया।
रिश्ते खराब होते गए और आखिरकार पति पत्नी अलग हो गए। हालांकि उनकी एक बेटी भी थी शैनल ईरानी जिसे परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि तब वो काफी छोटी थी। अलग होने के तुरंत बाद साल 2001 में ही स्मृति और ज़ुबिन इरानी ने शादी कर ली और स्मृति ने अपना सरनेम मल्होत्रा से बदल कर इरानी रख लिया और स्मृति इरानी बन गई।
इसी साल यानी 2001 में ही स्मृति ने अपने पहले बच्चे जोहर को जन्म दिया और 2 साल बाद 2003 में बेटी जोइश पैदा हुई। अब आप ये सोच रहे होंगे की अगर स्मृति ईरानी के पति पारसी हैं तो ये सिंदूर और मंगलसूत्र क्यों वेर करती हैं? तो गोत्र, सिंदूर आदि को लेकर पूछे गए सवालों पर स्मृति ने एक बार कहा था कि मेरा गोत्र कौशल है, जैसा कि मेरे पिता का है, मेरे पति और बच्चे पारसी हैं इसलिए उनका गोत्र नहीं है। मैं हिन्दू धर्म में विश्वास करती हूँ और इसलिए सिंदूर लगाती हूँ।
यानी अपने इस बयान से स्मृति ने यह साफ कर दिया था कि वह अपने पारसी पति का सरनेम जरूर लगाती है लेकिन उनके धर्म को नहीं अपनाया है बल्कि हिंदू धर्म ही फॉलो करती है। लेकिन अभी भी एक सवाल का जवाब नहीं मिल सका की अगर इनके पति ने शादी के दौरान इन्हें सिंदूर या मंगलसूत्र नहीं पहनाया था तो ये धार्मिक परम्पराओं से अलग हटकर खुद से इसे कैसे पहनने लगी? हालांकि इस तरह के तमाम विवादों और जीस तरीके से इनकी शादी हुई।
इसको लेकर किए जा रहे दावों में कितनी सच्चाई है यह तो पता नहीं, लेकिन स्मृति इरानी की ये कंट्रोवर्सी समय समय पर सामने आती रही और आज भी इनका पीछा नहीं छोड़ती है।
हाल ही में इसे लेकर एक और विवाद देखने को मिला। दरअसल, स्मृति ईरानी ने 2023 में अपने इंस्टाग्राम अकाउन्ट पर आस्क मी एनीथिंग सेशन किया जिसमें इन्होंने यूजर्स के सभी सवालों के जवाब दिए।
इसी दौरान एक यूज़र ने इनसे पूछ लिया कि क्या इन्होंने अपनी बचपन की सहेली के पति से शादी की है? जिसके जवाब में स्मृति ने कहा, नहीं जी, मोना मेरी बचपन की सहेली नहीं है। मोना मुझसे 13 साल बड़ी है इसलिए उसका मेरी बचपन की सहेली होने का कोई सवाल ही नहीं है। वो पारिवारिक है, पॉलिटिशियन नहीं, इसलिए उसे इसमें मत घसीटो मुझसे लड़ो, मेरे साथ बहस करो, मुझे नीचा दिखाओ, लेकिन अपने साथ एक ऐसे इंसान को गटर में मत घसीटो जिसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है, वो सम्मान के पात्र है।
स्मृति को कई सीरियल में कामयाबी न मिली:
खैर, चलिए स्मृति ईरानी के करियर को आगे बढ़ाते हैं तो क्योंकि सास भी कभी बहुत ही के बाद स्मृति ईरानी और भी कई टी वि सीरियल में नजर आईं। जैसे 2002 में प्रसारित क्या हादसा, क्या हकीकत? तो वही इस साल 2002 में ज़ी टी वि के शो रामायण में सीता की भूमिका में नजर आई। हालांकि ये रामायण ज्यादा चर्चित नहीं हो सका। इसके अलावा स्मृति ईरानी ने मेरे अपने और कुछ दूसरे सीरियल्स में भी काम किया। साल 2006 में स्मृति इरानी ने अपने प्रोडक्शन हॉउस उग्र एंटरटेनमेंट की शुरुआत की। और थोड़ी सी जमीन थोड़ा आसमान सीरियल को बालाजी के साथ को प्रोड्यूस किया।
साथ ही इसमें अभिनय भी किया। ये स्टार प्लस पर टेलीकास्ट किया गया था। 2007 में इन्होंने सोनी टी वि के लिए अपने दूसरे शो विरुद्ध का निर्माण किया । साथ ही के लिए टी वि शो मेरे अपने बनाया, जिसमें स्मृति ने विनोद खन्ना के साथ मुख्य भूमिका निभाई। तो साथ ही ज़ी टी वि के शो तीन बहुरानिया में एक छोटी सी भूमिका भी की। इसके अलावा स्मृति इरानी ने ये है जलवा शो को भी साक्षी तंवर के साथ को होस्ट किया जो की एक डांस रियलिटी शो था और 2008 में ऑन एयर हुआ था।
इसके अगले साल 2008 में स्मृति ईरानी ने ज़ी टी वि के लिए सीरियल वाइरिस प्रोड्यूस किया और फिर साल 2009 में ये एक कॉमेडी शो मनी मेन.कॉम में नजर आई जिसे सब टी वि पर टेलीकास्ट किया गया था। साल 2012 में स्मृति इरानी एक बंगाली फ़िल्म अमृता में काम करती दिखी, लेकिन इससे कोई खास पहचान नहीं मिली। इस बीच स्मृति ने कई थिएटर में भी काम किया और इक्का दुक्का विज्ञापन में भी नजर आती रही।
स्मृति इरानी के पोलिटिकल करियर:
चलिए अब बात करते हैं स्मृति ईरानी के पोलिटिकल करियर की। तो इन्होंने टी वि में काम करते हुए साल 2003 में ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था और सीरियल से फेम मिले होने की वजह से इन्हें महाराष्ट्र युथ विंग का उपाध्यक्ष बना दिया गया। साल 2004 में स्मृति इरानी ने दिल्ली के चांदनी चौक से कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ़ चुनाव लड़ा लेकिन हार गई पर इनकी मेहनत रंग लाई और इन्हें भाजपा की केंद्रीय समिति में एग्ज़िक्यटिव मेंबर बना दिया गया। स्मृति ईरानी बी जे पी के लिए काम करती रही और साल 2010 में ये पार्टी की राष्ट्रीय सचिव एवं महिला विंग की प्रेसिडेंट बना दी गई।
इसके बाद स्मृति ईरानी ने पार्टी में धीरे धीरे अपनी पैठ बना ली और बड़े नेताओं के साथ भी देखी जाने लगी। साल 2011 में स्मृति ईरानी को राज्यसभा भेजा गया तो वही 1 साल बाद इन्हें बी जे पी का वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया। 2011 से 2014 तक कोयला एवं स्टील कमिटी की सदस्य भी रही। स्मृति के ऊपर पार्टी ने भरोसा जताया और साल 2014 में इन्हें अमेठी से राहुल गाँधी के खिलाफ़ इलेक्शन में उतारा गया। हालांकि स्मृति जुबिन इरानी लोकसभा चुनाव तो हार गई लेकिन राहुल गाँधी के खिलाफ़ खड़े होने की वजह से इन्हें देश भर में खूब पॉपुलैरिटी मिली और लोग इनकी चर्चा करने लगे।
इनके भाषणों और कौशल को देखते हुए बी जे पी ने इन्हें इनाम भी दिया और जब पार्टी सत्ता में आई तो स्मृति इरानी को हारने के बावजूद मानव संसाधन मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। मैं। स्मृति मोदी कैबिनेट की सबसे युवा महिला सदस्य बन गई थी। लेकिन इस दौरान 12 पास स्मृति को शिक्षा मंत्री बनाने पर खूब बवाल भी हुआ। हालांकि बाद में जब मोदी मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हुआ तो स्मृति ईरानी से वो मंत्रालय ले लिया गया और टेक्सटाइल मिनिस्ट्री दे दी गई। यानी एक तरह से इनका डिमोशन कर दिया गया।
लेकिन फिर नेक्स्ट इलेक्शन यानी 2019 में स्मृति ईरानी ने राहुल गाँधी को उनके ही परंपरागत संसदीय क्षेत्र अमेठी में पराजित कर दिया और देशभर में चर्चा का विषय बन गई। वर्तमान में भी ये अमेठी से ही एम पी और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री है। हालांकि स्मृति ईरानी से जुड़े विवादों की लिस्ट भी काफी लंबी है, जिसमें कुछ की चर्चा हम पहले कर चूके हैं तो कुछ और आगे बताएंगे। स्मृति को अक्सर इनके फैसलों और दिए गए बयानों के चलते विवादों का सामना करना पड़ा
स्मृति इरानी को कई विवादों का सामना करना पड़ा :
2004 में गुजरात कांड के बाद इस स्मृति ने नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा था कि उन्हें गुजरात की मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए। स्मृति के इस बयान से पार्टी काफी नाराज हो गई और स्मृति को अपना बयान वापस लेने को कहा। फिर इन्होंने यु टर्न ले लिया और पार्टी की कार्रवाई से बचने के लिए अपने बयान को वापस ले लिया। स्मृति ईरानी को सबसे ज्यादा जीस विवाद ने परेशान किया। वो इनकी डिग्री को लेकर था। दरअसल इस स्मृति ईरानी ने 2004 के लोक सभा चुनाव के लिए भरे गए अपने हलफनामे में अपनी उच्च शिक्षा बी ए बताई थी जो कि इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ली थी।
वही जब स्मृति द्वारा 2014 के लोक सभा में हलफनामा भरा गया तो उसमें इन्होंने बी कॉम भरी दो नामांकन में बताई गई अलग अलग शैक्षिक योग्यता के कारण इनको काफी विरोध का सामना करना पड़ा और ये मसला कोर्ट तक जा पहुंचा और फिर साफ हुआ कि स्मृति सिर्फ 12वीं पास है। मानव संसाधन विकास मंत्री रहते हुए जीस दूसरे विवाद में स्मृति को घेरा। वो नागपुर के विश्वेश्वर नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के चुने गए अध्यक्ष को लेकर हुआ था। स्मृति पर आरोप लगा कि इन्होंने इस पद के लिए विश्रामदार को इसलिए चुना क्योंकि उनका ताल्लुक आर एस एस से था।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला के जान देने को लेकर भी स्मृति पर कई बड़े आरोप लगाए गए और हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति को वेमुला सहित दलित छात्रों के खिलाफ़ कठोर कदम उठाने के आदेश देने का इल्ज़ाम लगा। हाल ही में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कामकाजी महिलाओं को पेय्ड मेंस्रटुअल लीव यानी सवैतन मासिक धर्म अवकाश दिए जाने पर असहमति जताई। और इसका विरोध करते हुए कहा कि पीरियड कोई बिमारी या दिव्यांगता नहीं है, बल्कि नेचुरल सामान्य प्रक्रिया है इसलिए पेड़ लीव नहीं मिलनी चाहिए।
इस स्मृति इरानी के इस बयान का विपक्ष के साथ साथ देश भर की महिलाओं के एक बड़े वर्ग ने विरोध किया और इन्हें महिलाओं का दुश्मन तक करार दिया जाने लगा। समय समय पर स्मृति ईरानी की गैस सिलिंडर वाली फोटो भी सोशल मीडिया पर वैरल होती रही है। और इनसे ये सवाल पूछे जाते रहे है की कांग्रेस सरकार में गैस सिलिंडर की कीमतों को लेकर ये जीस कदर हंगामा मचाया करती थी और पी एम को चूड़ियां भेजा करती थी तो अब ये चुप्पी क्यों साधे हुए है और आसमान छूती कीमतों पर भी कुछ क्यों नहीं बोलती? तो वही स्मृति ईरानी को राहुल गाँधी से ओब्सेस्ड बता कर भी इन पर खूब हमले होते रहते है।
जिसमे कुछ दिन पहले जब इन्होंने संसद में राहुल गाँधी पर महिलाओं को फ्लाइंग किस देने का आरोप लगाकर खूब हंगामा किया तो विपक्ष ने इस मामले को ही मनगढ़ंत करार दे दिया और टी एम सी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला पहलवानों से छेड़छाड़ और उनकी दुर्दशा के मामले में आरोपी भाजपा सांसद को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा और अब फ्लाइंग किस की बात कर रहे हैं। खैर, राजनीति में होने की वजह से इस तरह के और भी कई विवाद स्मृति को लेकर सामने आते रहे। और इन्होंने भी पूरे ज़ोर शोर से सबका विरोध किया।
स्मृति अभी भी मोदी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर है और आगे 2024 में होने वाले इलेक्शन को लेकर भी तैयारियों में जुटी है। पर स्मृति ईरानी के फर्श से अर्श तक पहुंचने की ये कहानी दुनिया की लाखों महिलाओं को संघर्ष और मेहनत के लिए इंस्पायर करती है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि स्मृति इरानी ने वाकई अपने बलबूते ये मुकाम हासिल किया है। स्मृति ईरानी को इनके ब्राइट करियर के लिए ढेरों शुभकामनाएं। आपसे फिर होगी मुलाकात नमस्कार।