मोहम्मद सिराज एक भारतीय गेंदबाज अपने जीवन में कई सारी चुनौतियों का सामना करके सफलता प्राप्त की। Mohammed Siraj Biography.

मोहम्मद सिराज: दोस्तों हिंदी भाषा की एक मशहूर कहावत है कि ‘मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।’ दुनिया में ऐसे बहुत से स्पेशल लोग हैं जिन्होंने इस कहावत को सच करके दिखाया है और अभी हाल ही में इस लिस्ट के अंदर हमारी भारतीय टीम के एक नए उभरते हुए सितारे का नाम भी जुड़ गया है। दरअसल हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेट टीम के युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के बारे में।

जी हाँ, दोस्तों, वही सिराज जो अपने पिता के मृत्यु होने पर भी सीरीज को खत्म किए बिना भारत नहीं लौटे और अपनी जबरदस्त गेंदबाजी के दम पर ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को उन्हीं के घर में धूल चटा दी। वैसे आज भले ही सिराज कामयाबी की बुलंदियों को छू रहे हैं लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने जो मेहनत और स्ट्रगल किया है वो हर एक इंसान के बस की बात नहीं है और इसीलिए

आज की हमारे इस इंटरेस्टिंग ब्लॉग में भी हम आपको सिराज के उसे संघर्ष भरे जीवन की प्रेरणादायक कहानी के बारे में बताने वाले हैं। तो चले दोस्तों अब बिना देर किए हुए इस इंस्पिरेशनल ब्लॉग को शुरू करते हैं।

Personal InformationCareer Information
Full Name: Mohammed SirajTeams:
Date of Birth: 13 March 1994– Royal Challengers Bengaluru
Age: 30 years– India national cricket team
Place of Birth: HyderabadDates Joined:
Parents: Mohammed Ghaus, Shabana Begum– Warwickshire County Cricket Club (2022)
Height: 1.78 mPlaying Since: 2018 (Royal Challengers Bengaluru)
Siblings: Mohammed Ismail
Mohammed Siraj

मोहम्मद सिराज का शुरुआती जीवन:

मोहम्मद सिराज
मोहम्मद सिराज

दोस्तों मोहम्मद सिराज का जन्म 13 मार्च 1994 के दिन हैदराबाद शहर में रहने वाले एक बेहद ही गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद घाउस था, जो कि हैदराबाद शहर में ही ऑटो रिक्शा चलाने का काम करते थे। जब की उनकी माता शबाना बेगम मुश्किल परिस्थितियों में लोगों के घर घर जाकर एक नौकरानी का काम किया करती थी। परिवार में सिराज के अलावा उनके एक बड़े भाई मोहम्मद इस्माइल भी हैं जो कि इस समय एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। लेकिन उस टाइम तक सिराज के घर की इन्कम का मुख्य स्रोत उनके पिता का रिक्शा चलाने का ही काम हुआ करता था।

जिसके चलते उनके घर की आर्थिक स्थिति हमेशा ही बहुत ज्यादा कमजोर रहती थी। उनका परिवार बहुत लंबे अरसे तक हैदराबाद शहर के बंजारा हिल्स इलाके के एक छोटे से किराये के मकान के अंदर रहा और सिराज ने भी अपना पूरा बचपन इसी घर में ही रह कर बिताया था। हालांकि एक क्रिकेट खेलने का शौक उन्हें बचपन से ही लग गया था और अक्सर वह अपनी स्कूल के क्लासेज को बंक करके क्रिकेट खेला करते थे। और इस खेल के चक्कर में कई बार उनके रिजल्ट्स भी काफी खराब आई और इसकी वजह से उन्हें अपने पिता से डांट भी सुनने को मिलता था।

हालांकि सिराज के बड़े भाई को उनके लाजवाब टैलेंट का पता था इसीलिए वह हमेशा ही उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए सपोर्ट करते थे। यह बात सिराज अपने इंटरव्यू में खुद कह चूके हैं कि

“उनसे ज्यादा उनके भाई को उन पर विश्वास था और यह उनके भाई की ही मेहरबानी है कि आज वह भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे हैं।”

मोहम्मद सिराज

मोहम्मद सिराज के एक दोस्त ने उसे गेंदबाजी करने की सलाह दी:

मोहम्मद सिराज
मोहम्मद सिराज

असल में सिराज ने खुद कभी प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने का ख्वाब नहीं देखा था। लेकिन बड़े भाई स्माइल को अपने छोटे भाई का हुनर बहुत कम उम्र में ही नजर आ गया था और उन्होंने यह तय कर लिया था कि चाहे जो भी हो जाए, लेकिन वह सिराज को एक क्रिकेट जरूर बनाएंगे। सिराज ने अपने स्कूल की पढ़ाई हैदराबाद के ही साफा जूनियर स्कूल से की थी और चुकी उन्होंने क्रिकेट को ही अपना पूरा जीवन समर्पित करने का मन बना लिया था।

इसीलिए वह सिर्फ बारहवीं क्लास तक की ही पढ़ाई कर पाए। मोहम्मद सिराज के बारे में बहुत कम लोग यह जानते हैं कि बचपन में जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तब वह गेंदबाजी नहीं बल्कि बल्लेबाजी करना ज्यादा पसंद करते थे। लेकिन 1 दिन जब वो आपने कुछ दोस्तों के साथ क्रिकेट खेल रहे थे तब उनके एक करीबी दोस्त ने सलाह दी कि उन्हें बैटिंग छोड़कर अपनी बॉलिंग पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि उनकी बॉलिंग उनकी बैटिंग से कई गुना बेहतर है और अपने दोस्त की यह बात सिराज के जेहन में बैठ गई और उन्होंने उसी दिन बैटिंग छोड़कर अपना पूरा फोकस अपनी बोलिंग पर लगा दिया।

सिराज आज भी उस दोस्त की सलाह के लिए उसका शुक्रिया अदा करते हैं क्योंकि अगर वो सिराज को बोलिंग करने की सलाह नहीं देता तो फिर शायद आज हम उनकी बात कर ही नहीं रहे होते।

मोहम्मद सिराज ने बहुत ही संघर्ष करके कामयाबी हासिल की:

मोहम्मद सिराज
मोहम्मद सिराज

अपने करियर में कामयाब होने से पहले सिराज ने बहुत ज्यादा गरीबी में अपना जीवन बिताया था और एक समय उनके हालात इतने ज्यादा खराब थे कि उनके पास प्रैक्टिस करने के लिए एक रियल क्रिकेट बॉल खरीदने के भी पैसे नहीं हो पाते थे। इसीलिए वह रबर और टेनिस की सस्ती बॉल से ही प्रैक्टिस किया करते थे। आपको यह बात जानकर काफी हैरानी होगी किसी मोहम्मद सिराज कभी भी क्रिकेट ऐकैडॅमि में ट्रेनिंग के लिए नहीं गए। और ना ही बचपन में उन्हें कभी किसी कोच से ट्रेनिंग मिल पाई।

दरअसल उनके पास कभी भी इतने पैसे हो ही नहीं पाए कि वह किसी क्रिकेट ऐकैडॅमि को जॉइन कर सके। अब दोस्तों क्रिकेट एक ऐसा खेल है। इसमें किसी अच्छे कोच से ट्रेनिंग लेना बहुत ही ज्यादा इम्पोर्टेन्ट माना जाता है। खास तौर से जब आप क्रिकेट खेलना सीख रहे हो तब तो कोचिंग लेने का महत्त्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है, लेकिन सिराज ने यह बात साबित करके दिखाया कि अगर इंसान के अंदर जुनून हो तो फिर वह बिना किसी क्रिकेट ऐकैडॅमि या कोच के भी खुद से ही मेहनत करके हाई लेवल क्रिकेट सीख सकता है।

दरअसल सिराज अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए दिन रात मेहनत किया करते थे और उन्होंने एक इंटरव्यू में भी यह बात कही थी कि

“उनके पिता उनके परिवार को पालने के लिए पिछले 30 साल से ऑटो चला रहे हैं, इसलिए वे चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द कामयाबी मिल जाए ताकि वह अपने पिता को अब इस उम्र में थोड़ा सा आराम दे सके।”

मोहम्मद सिराज

दरअसल, सिराज को बस एक मौके की तलाश थी और मौका उन्हें 2015 में मिल गया। सिराज के एक फ्रेन्ड ने उन्हें हैदराबाद के चारमेनार क्रिकेट क्लब को जॉइन करने का न्योता दिया और फिर सिराज ने भी इस ऑफर को एक्सेप्ट करके उस क्लब को तुरंत ही जॉइन कर लिया। अब इस क्लब के लिए खेलते हुए उन्होंने अपनी परफॉरमेंस से सभी को बहुत ही ज्यादा इम्प्रेस किया और इस परफॉरमेंस की वजह से ही उनका नाम स्टेट अंडर 23 टीम के भी संभावित खिलाड़ियों में आने लगा था।

हालांकि आगे कई बार उन्हें मौके मिले और कई बार नहीं भी, लेकिन उन्होंने खुद को बेहतर बनाने में अपना पूरा समय बिताया और फिर आखिरकार उनकी यह मेहनत रंग लाई।

मोहम्मद सिराज को रणजी ट्रॉफी खेलने के बाद आईपीएल में मौका मिला:

15 नवंबर 2015 के दिन जब उन्होंने हैदराबाद के लिए अपने करियर का पहला रणजी मैच खेला, हालांकि यह पहला मैच उनके लिए कुछ खास नहीं रहा। जिसके चलते उस सीज़न में वह रणजी का और कोई भी मैच नहीं खेल पाए, लेकिन रणजी का ही अगला सीज़न उनके करियर के लिए सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। दरअसल, साल 2016 के इस रणजी सीज़न में उन्होंने कुल नौ मैचेस खेले और इन नौ मैचों में 41 विकेट चटकाकर वह हैदराबाद के लीडिंग विकेट टेकर बन गए।

और इस जबरदस्त परफॉर्मेंस की वजह से ही आई पी एल के सेलेक्टर्स की नजर भी उन पर पड़ी और फिर साल 2017 की आई पी एल में उन्हें सनराइजर्स हैदराबाद टीम के द्वारा ₹2,60,00,000 की बड़ी रकम में खरीद लिया गया। यहाँ पर गौर करने वाली बात यह थी कि सिराज का बेस प्राइस ये सिर्फ ₹20,00,000 रखा गया था और साथ ही यह उनके करियर का पहला आई पी एल सीज़न होने वाला था। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें इस बड़ी रकम में खरीदा जाना उनके लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि थी।

इन पैसों से सिराज ने सबसे पहले तो अपने माता पिता के लिए घर लिया क्योंकि उनके पेरेंट्स ने अपना पूरा जीवन गरीबी और तंगी में बिताया था और सिराज चाहते थे कि अब उनके पेरेंट्स अपनी लाइफ को थोड़ा एन्जॉय करें। अपने इस पहले आई पी एल सीज़न में सिराज ने कुल छह मैचें खेलें और इन छह मैचों में 10 विकेट चटकाकर उन्होंने अपनी बोलिंग से सभी को काफी प्रभावित किया। इसके अलावा उस साल विजय हजारे ट्रॉफी में भी उनके परफॉरमेंस बहुत ही ज्यादा अच्छी रही थी।

मोहम्मद सिराज का इंटरनेशनल करियर:

मोहम्मद सिराज

अब इंटरनेशनल क्रिकेट की अगर बात करें तो भारतीय टीम में खेलने का उनका सपना नवंबर 2017 में पूरा हुआ। उन्हें न्यू ज़ीलैण्ड के खिलाफ़ एक टी 20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारतीय टीम में जगह दी गई थी। इसके अलावा उन्होंने अपना पहला एक दिवसीय मैच 15 जनवरी 2019 के दिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ खेला था। अब यहाँ तक यह बात तो सभी को समझ आ चुकी थी। सिराज एक जबरदस्त बॉलर हैं। और आने वाले समय में वह टीम के अहम गेंदबाजों में से एक हो सकते हैं।

लेकिन भारतीय टीम के लिए उनका बेस्ट परफॉरमेंस आना भी बाकी था और उनकी यह परफॉरमेंस उस समय सामने आई जब उन्हें 2020, 21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टेस्ट टीम में जगह दी गई। और जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि उनके ऑस्ट्रेलिया जाने के सिर्फ कुछ दिन के बाद ही उनके पिता का देहांत हो गया था और इस तरह से पिता का अचानक देहांत होना सिराज के लिए उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा दुःख था।

हालांकि वे चाहते तो सीरीज को छोड़कर भारत वापस आ सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि यह उनके पिता का ही सपना था के उनका बेटा 1 दिन भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेले और अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए वह ऑस्ट्रेलिया में ही रुके रहे और इतना बड़ा दुःख झेलने के बाद भी टेस्ट सीरीज में उन्होंने जीस तरह की बोलिंग की। उसको देख कर सभी हैरान रह गए थे। और अपने शानदार परफॉरमेंस से वह इंडियन क्रिकेट फँस के एक नए हीरो बन गए।

तो दोस्तों, यह थी कहानी एक ऑटो ड्राइवर के बेटे से भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह बनाने वाले मोहम्मद सिराज की। आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

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