सोनू निगम सालों से अपने दिल छू लेने वाली सुरीली आवाज से हर संगीत प्रेमी के जहन में राज़ करते। हैं। उनकी गायकी का लेवल क्या और कैसा है ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है। इस फिंगर ने जो भी गाया उसे अपने सुरों में यूं ढाला की वो गाने कभी फीके नहीं पड़ते। सोनू को जितनी बार सुनो बस या तो आह निकलती है या फिर वाह।
नमस्कार, प्रणाम, आभार और आदाब और बात हो रही है दिग्गज गायक सोनू निगम की। अफसोस के साथ कहना पड़ेगा कि सोनू निगम जैसे नायाब गायक की फ़िल्म इंडस्ट्री को जरूरत नहीं है। शायद यही वजह है कि वो लंबे अरसे से फ़िल्मी दुनिया की पॉलिटिक्स की चक्की में पिस कर इससे लगभग दूर हो गए हैं। साफ कहा जाए तो सोनू निगम की गायकी और उनके टैलेंट की कदर हिंदी सिनेमा के ज्यादातर लोग करते हैं, लेकिन कुछ गिने चुने ताकतवर लोगों के डर से सोनू को काम नहीं देते।
आज हम उन लोगों के नाम का खुलासा करेंगे जिन्होंने इस महान सिंगर का करियर दफन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन सबके बावजूद निजी तौर पर सोनू निगम और उनके समर्थकों को इस बात का सुकून रहा है कि वो ना तो कभी किसी के आगे झुके और ना ही बड़ी से बड़ी ताकत से भिड़ने और उसका मुँह तोड़ जवाब देने में पीछे रहे। यूं तो सोनू निगम के खिलाफ़ षड्यंत्रों की फेहरिस्त बहुत लंबी है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी मिसाल देखिए। फ़िल्मफेयर बेस्ट फिंगर अवार्ड कैटेगरी में उन्हें 18 बार नॉमिनेट किया गया, लेकिन मिला सिर्फ दो बार।
एक वक्त बाल ठाकरे परिवार से सोनू निगम के बहुत खास और नजदीकी रिश्ते रहे, लेकिन ऐसा क्या हुआ कि ठाकरे परिवार सोनू निगम के पीछे हाथ धोकर पड़ गया? इतना ही नहीं महाराष्ट्र राजनीति के एक बहुत बड़े शख्स ने तो यहाँ तक कह दिया कि बाल ठाकरे सोनू निगम की हत्या करना चाहते थे। क्या थी इसकी वजह जानेंगे इस पेशकश में विस्तार से। साथ ही बताऊँगा कि किन दो बड़ी कंपनियों को सोनू निगम म्यूजिक इंडस्ट्री का सबसे बड़ा माफिया मानते हैं, जिन्होंने उनका करियर तबाह करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई।
साथ ही बात होगी कि सुनिधि चौहान और एक राजनीतिक परिवार की बहु से अफेयर के खबरों के बाद कैसे सोनू और उनकी पत्नी के बीच तलाक तक बात जा पहुंची। साथ ही बताऊँगा वो वाक्या जब एक मंच पर सरेआम सलमान खान ने सोनू निगम की बेइज्जती की और अंत में जानेंगे की किस वजह से सोनू निगम एक बड़े आतंकी संगठन की हिट लिस्ट में आ गए थे। इन सारी बातों पर आने से पहले मुंबई में पांच सालों तक सिंगर बनने के संघर्ष की कहानी आपको बताते हैं।
सोनू निगम की शुरुआती जिंदगी:
सोनू का जन्म 30 जुलाई 1973 को फरीदाबाद में हुआ था। इनके पैदा होने के 1 साल बाद ही परिवार दिल्ली में शिफ्ट हो गया था। गाय की सोनू को विरासत में मिली उनके पिता अगम कुमार निगम भी अच्छे सिंगर रहे हैं और उनकी माँ शोभा भी स्टेज शो करती थी। अगम कुमार और शोभा ने लव मैरिज की थी। दोनों से तीन बच्चे हुए सोनू निगम और उनकी दो छोटी बहनें मीनल और निकिता। सोनू जब स्कूल में थे उस वक्त ही संगीत में उनकी दिलचस्पी होने लगी थी। दोनों की स्कूली शिक्षा दिल्ली के जे डी टाइटलर स्कूल से हुई जबकि आगे की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से की।
सोनू ने संगीत की शुरुआत शिक्षा अपने पिता से ही ली जबकि आगे चलकर उन्होंने कुछ गुरूओं से शास्त्रीय संगीत भी सीखा। सोनू के पिता लोगों की शादी और अन्य फंक्शन्स में गाने गाते थे। जब सोनू 4 साल के थे उस दौरान 1 दिन उनके पिता शादी के स्टेज पर गाना गा रहे थे। तभी सोनू भी स्टेज पर गाने की जिद करने लगे। इसके बाद वह हर शो में अपने पिता का साथ देने लगे। सोनू निगम 1991 में 18 साल की उम्र में सिंगर बनने का सपना लेकर मुंबई आए थे। उन्होंने करीब 5 साल तक मुंबई में तमाम धक्के खाये।
वो म्यूसिक डायरेक्टर्स के दफ्तरों के चक्कर लगाते थे लेकिन उन्होंने ऑफिस के बाहर से ही भगा दिया जाता था। उन्हें ये भी कहा गया की उनकी आवाज में काफी वेरायटी है, जिसे कंट्रोल करना पड़ेगा। हालांकि आगे चलकर आवाज की यही खासियत उनकी पहचान भी। सोनू ने 1992 में अपने करियर की शुरुआत डी डी वॅन के टी वि धारावाहिक तलाश के गाने हम तो छेला बन गए से की थी। इसके बाद उन्हें फ़िल्म जनम में एक गाना गाने का मौका मिला लेकिन ये फ़िल्म रिलीज नहीं हो सकी। 1992 में ही टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार ने सोनू को एल्बम रफ़ी की यादें में मौका दिया।
ये एल्बम खुब पॉपुलर हुआ और उस साल बेस्ट सेलर बन गया। इसके बाद उन्होंने 1993 में आई फ़िल्म आजा मेरी जान में ओ आसमा वाले गाया था। लेकिन इसे बाद में एस पी बाला सुब्रमण्यम की आवाज़ में डब किया गया था। 1992 में पाकिस्तानी सिंगर अताउल्ला खान के साथ टी सीरीज ने बेदर्दी से प्यार का नाम से एक एल्बम लॉन्च किया। अदा उल्ला खान के बेवफाई वाले गाने खूब मशहूर हुए। इसी के बाद गुलशन कुमार ने बेवफ़ा सनम नाम से एक और एल्बम लॉन्च किया जिसमें अताउल्ला खान के गाने अच्छा सिला दिया। तुने को सोनू निगम से गंवाया गया।
1 जनवरी 1993 को जब यह एल्बम रिलीज़ हुआ तो सोनू की आवाज घर घर तक पहुँच गई। 1995 में इसी एल्बम के नाम से टी सीरीज ने फ़िल्म बेवफा सनम बनाई। जिसके जरिए सोनू निगम रातों रात बड़े फिंगर बन गए। इस फ़िल्म का गाना अच्छा सिला दिया। तुने मेरे प्यार का ब्लॉकबस्टर साबित हुआ। इसके बाद सोनू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। और सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते चले गए।
सोनू निगम का टी-सीरीज के साथ कांटेक्ट कैसे हुआ?:
टी सीरीज के साथ सोनू निगम का जुड़ाव कैसे हुआ, इसकी कहानी भी बड़ी रोचक है। दरअसल उनकी जिंदगी में एक रसूख वाला राजनीतिक परिवार जुड़ा जिसके बाद इस सिंगर की बड़े बैनर और बड़ी म्यूसिक कंपनियों में सीधी एंट्री हो गई। दरअसल वो थी बाला साहेब ठाकरे फैम्ली और इस परिवार की एक बहु जिसने सोनू निगम की जिंदगी बदलती। ये महिला थी बाला साहेब ठाकरे की बहु स्मिता ठाकरे। सोनू की जिंदगी और करियर को ठीक से जानने समझने के लिए आपको स्मिता ठाकरे के विषय में कुछ अहम बातें जानना बेहद जरूरी है।
दरअसल, स्मिता बाल ठाकरे के दूसरे बेटे जयदेव ठाकरे की पत्नी है। 90 का शुरुआती दशक रहा होगा। उस वक्त बाला साहेब स्मिता ठाकरे की कोई बात नहीं टालते थे। अपने बेटे और स्मिता के पति जयदेव ठाकरे से बाला साहेब की नहीं बनती थी। उन्होंने या तो उन्हें घर से निकाल दिया था या फिर खुद घर छोड़कर चले गए थे। लेकिन बहु स्मिता ठाकरे का बाला साहेब यानी अपने ससुर से अच्छा रिश्ता रहा। आगे चलकर जयदेव और स्मिता का तलाक हो गया। लेकिन जब तक बाला साहेब जिंदा रहे मुठाकरे परिवार में ही रहती थी।
सोनू निगम का कैरियर कैसे बना?:
अब लौटते हैं सोनू निगम के करियर की कहानी पर। दरसल स्मिता काफी ग्लैमरस रही हैं और उन्होंने कई फिल्मों और टी वि शो भी प्रोड्यूस किए। 90 के दशक की शुरुआत में स्मिता और सोनू की जान पहचान हुई थी। सोनू गाते तो बहुत अच्छा थे, लेकिन उन्हें कहीं ब्रेक नहीं मिल रहा था। वरीष्ठ पत्रकार हेमंत देसाई ने एक बार बी बी सी को बताया था की स्मिता के संपर्क में आने के बाद सोनू निगम को मौके मिलने लगे थे और उन्होंने ही एक तरह से सोनू निगम का करियर बनाया।
टी-सीरीज के साथ मिला पहला ब्रेक हो या फिर फ़िल्म इंडस्ट्री में डेब्यू स्मिता ने अपने रसूख और ठाकरे परिवार की पहुँच का इस्तेमाल करते हुए सोनू निगम को फ़िल्म इंडस्ट्री में तमाम मौके दिलाने शुरू किए। सोनू निगम के जब कई गाने हिट हुए तो उन्हें मातोश्री में एंट्री मिलने लगी। वो ठाकरे परिवार के बहुत करीब आ गए।
सोनू निगम के करियर पर असर पड़ा ठाकरे परिवार की बहू के कारण:
आगे चल कर तो यहाँ तक बात पहुँच गई की स्मिता ठाकरे और सोनू निगम के बीच अफेयर की खबरें चलने लगी। यह बात है ठाकरे परिवार की इमेज के लिए ठीक नहीं थी बाला साहेब उद्धव और राज़ ठाकरे इन खबरों से परेशान थे। यही से सोनू निगम और ठाकरे परिवार के बीच खटास बढ़ने लगी।
हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे नीलेश रानी ने ये बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया था कि बाला साहेब ठाकरे सोनू निगम की हत्या कराना चाहते थे। बात 1999 की है जब शिवसेना राज़ ठाकरे और उद्धव ठाकरे के दो गुटों में बढ़ती जा रही थी, तब एक तीसरा नाम स्मिता ठाकरे का भी सामने आ रहा था। 2012 में बाला साहेब की मौत से पहले ही उद्धव ठाकरे ने पूरी तरह से शिवसेना की कमान अपने हाथों में ले ली। इसके बाद स्मिता और उद्धव के बीच संबंध भी बिगड़ती चले गए। स्मिता से संबंध बिगड़ने का मतलब था की सोनू निगम भी शिवसेना और उधव के निशाने पर आ गए।
मुंबई फ़िल्म इंडस्ट्री में शिवसेना का दखल शुरू से ही रहा है। जहाँ एक और इस ठाकरे परिवार से नजदीकियों की वजह से सोनू निगम को बहुत सारे मौके मिले और इसी ठाकरे परिवार ने जब स्मिता के चलते सोनू निगम को निशाने पर लिया। तो उनके लिए फ़िल्म इंडस्ट्री और तमाम म्यूसिक कंपनियों के दरवाजे बंद होने शुरू हो गए। शिवसेना और सोनू निगम के संबंध कितने खराब हो गए, इसकी एक मिसाल तब देखने को मिली जब फरवरी 2023 में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने सोनू निगम के साथ मारपीट करने की कोशिश की।
दरअसल, मुंबई के चेम्बूर जिमखाना में एक कार्यक्रम करके जब सोनू निगम अपने टीम के साथ क्लब से बाहर निकल रहे थे तो वहाँ शिवसेना के कुछ लोग पहुँच गए और धक्का मुक्की करने लगे। इसमें सोनू को पकड़ के मारपीट करने की कोशिश की गई। इसमें सोनू के एक सहयोगी के सिर में गंभीर चोटें भी आ गई थी। बाद में पता चला कि शिवसेना के एम एल ए प्रकाश के बेटे ने अपने साथियों के साथ सोनू के साथ धक्का मुक्की और मारपीट करने की कोशिश की थी, जिसकी सोनू ने थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
सोनू निगम का कैरियर आगे कैसे बढा?:
अब बढ़ते हैं। सोनू निगम के करियर की आगे की कहानी पर फ़िल्म बेवफा सनम के गाने के बाद सोनू को पहचान मिलनी शुरू हो गई थी। इसी के बाद साल 1995 में ही खास तौर पर सोनू निगम के लिए टेलीविज़न की दुनिया का सबसे बड़ा रियलिटी शो लॉन्च किया गया। इसकी भी कहानी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल 2001 में बी बी सी के लिए करन थापर के साथ बातचीत में सोनू निगम ने खुलासा किया था कि ज़ी टी वि का पॉपुलर शो सारेगमा खास कर उन्हीं को ध्यान में रखकर बनाया गया था। यही वो शो था जिसके जरिए सोनू न सिर्फ पूरे देश बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हो गए थे।
दरअसल सोनू निगम एक बार ज़ी टी वि के लोकप्रिय शो अंताक्षरी में प्लेबैक फिंगर्स एपिसोड में गेस्ट के रूप में शामिल होने गए थे। तभी शो के डाइरेक्टर गजेन्द्र सिंह की उन पर नजर पड़ी। गजेन्द्र सोनू की शख्सियत से बहुत प्रभावित हुए। वो सोनू को शो अंताक्षरी में होस्ट के तौर पर लेना चाहते थे, लेकिन सोनू ने इसके लिए मना कर दिया और किसी म्यूसिक प्रोग्राम में होस्ट करने में दिलचस्पी ज़ाहिर की। इसी के बाद ज़ी टी वि के प्रोड्यूसर गजेंद्र सिंह सारेगामा लेकर आये, जो एक इतिहास बन गया। साथ ही सोनू निगम देश भर में मशहूर हो गए।
सरेगामा शो को होस्ट करने के साथ सोनू निगम का फिल्मों में गाने का सिलसिला जारी था। 1993 से 1996 के दौरान उन्होंने लगभग एक दर्जन फिल्मों में अपनी आवाज दी। लेकिन 1997 में आई फ़िल्म बॉर्डर के गाने संदेशे आते हैं के जरिये उन्हें एक बार फिर जबरदस्त लोकप्रियता मिली। इस गाने ने सोनू के करियर को ऐसी उड़ान दी जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1990 के आखिरी साल में सोनू ने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों जैसे मुकाबला, हलचल, गद्दार, दूल्हे राजा, जीत, और प्यार हो गया, हीरो नंबर वॅन जैसी कई फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा।
इस दौरान उन्होंने हिट गानों की झड़ी लगा दी। फ़िल्म सरफरोज का गाना ज़िन्दगी मौत ना बन जाए दिल से का सतरंगी रे ताल का गाना इश्क बिना क्या जीना यारों ने सोनू को एक स्थापित गायक बना दिया। इन सब गानों के हिट होने में ज़ाहिर तौर पर सोनू की बेहतरीन गायकी थी लेकिन ये भी एक सच रहा है कि इनमे कई फिल्मों के गाने उन्हें ठाकरे परिवार और स्मिता ठाकरे से नजदीकियों के चलते आसानी से मिल रहे थे। टी सीरीज के गुलशन कुमार के साथ सोनू की जान पहचान ठाकरे परिवार की वजह से ही हुई।
1999 में टी सीरीज के साथ सोनू निगम की गायकी में एक बेहतरीन एल्बम आया जिसका नाम था दीवाना जिसके रोमेंटिक गानों और सोनू निगम की बेहतरीन आवाज ने इसे यादगार बना दिया। अब तक नए मोहम्मद रफ़ी के तौर पर पहचान बना चूके सोनू निगम ने इस एल्बम के गानों के जरिए एक अलग पहचान बनाई। साल 2000 से 2010 तक का दशक भी सोनू के करियर के लिहाज से अच्छा रहा। उन्होंने कई बड़े बैनर्स की फिल्मों में प्लेबैक सिंगिंग की।
इस दौरान उनके कई गाने सुपरहिट भी रहे। फ़िल्म कभी ख़ुशी कभी गम का सूरज हुआ मध्यम और यू अआर माय सोनिया फ़िल्म रेफुसी का पंछी, नदिया पवन के झोंके, दिल चाहता है का तन्हाई और अपने तो अपने होते हैं जैसे गाने आज भी सोनू की बेमिसाल गायकी की मिसालें हैं। साल 2002 में आई फ़िल्म साथिया के टाइटल सॉन्ग के लिए उन्हें पहला फ़िल्म फेयर अवार्ड मिला, जिसे ए आर रहमान ने कम्पोज किया था। इसके अलावा 2003 में आई फ़िल्म कल हो ना होक टाइटल सॉन्ग को सोनू ने इतने खूबसूरती से गाया कि उनके ऊपर अवार्ड्स की बरसात हो गई।
शंकर एहसान लॉय के संगीत और जावेद अख्तर के लिखे इस गाने के लिए सोनू को ना सिर्फ राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिला बल्कि लगातार दूसरी बार उन्हें बेस्ट मेल सिंगर का फ़िल्म फेयर और अवार्ड भी मिला। 2012 तक सोनू निगम का करियर ठीक चलता रहा। 90 के दशक के आखिरी सालों से लेकर करीब 2010 तक कई फिल्मों में सोनू निगम, शाहरुख और सलमान खान की आवाज बने।
इसके अलावा उन्होंने कई फिल्मों में आमिर खान के लिए भी गाया। शाहरुख और आमिर खान से सोनू का रिश्ता तो ठीक रहा है लेकिन सलमान खान के साथ एक बार हुए विवाद के बाद सोनू भाईजान के निशाने पर आ गए। और यही विवाद सोनू निगम के करियर पर बहुत भारी पड़ा।
सोनू निगम और सलमान खान का विवाद:
सलमान और सोनू के बीच अनमन की शुरुआत साल 2013 में फ़िल्म किक के गाने हैंगओवर से लेकर हुई थी। दरअसल इस फ़िल्म के डाइरेक्टर साजिद नाडियावाला पहले इस गाने के लिए सोनू निगम के पास पहुंचे थे और वो फॉरिन तैयार भी हो गए, क्योंकि इससे पहले सोनू कई बार सलमान के लिए गा चूके थे इसलिए उन्होंने पैसों की बात नहीं की। गाना रिकॉर्ड होने के बाद साजिद ने सलमान को बताया कि ये गाना इतना बढ़िया है कि मैं इसे भुला नहीं पा रहा हूँ। इसके बाद अचानक इस गाने से सोनू निगम की आवाज को हटाकर इसे सलमान खान से गवाह लिया गया।
खास बात तो ये है कि सोनू को इस बात की खबर तक नहीं दी गई। उन्हें मीडिया में आई खबरों से इसकी सच्चाई पता चली। हालांकि इसके बाद भी सोनू निगम ने उस समय खुल कर इस पर कोई नाराजगी ज़ाहिर नहीं की। खैर, इसके बाद अगला वाकया सुनिए। साल था 2015 और मौका था टी सीरीज के इंडस्ट्री में 30 साल पूरे होने पर आयोजित हो रहे कार्यक्रम सुरों के रंग का, जिसे स्टेज पर होस्ट कर रहे थे सोनू निगम। इस समारोह में सलमान भी आए थे। कार्यक्रम के दौरान जब सलमान को मंच पर बुलाया गया तो उन्होंने जो कहा।
वो सुनकर सभी दंग रह गए। ये सुन ज़रा दरअसल सलमान ने कहा था की उन्हें फिल्मों में अब गाने के लिए किसी सिंगर की जरूरत नहीं। अपनी बातों से सलमान खान ये प्रूफ करने पर अड़े हुए थे की सिंगर का काम बहुत ही आसान होता है। उन्होंने नाम लेकर यहाँ तक कह डाला कि उन्हें सोनू निगम या फिर किसी और सिंगर की जरूरत ही नहीं है। सोनू निगम ये बात सुनकर अपसेट हो गए थे। उन्होंने तो सोनू निगम को ये भी चैलेंज कर दिया की वो उनके मुश्किल से मुश्किल गाने को भी कह सकते हैं।
सलमान खान ने आखिर सोनू की किस बात से चुड़कर फ़िल्म किक के उनके गाने को बदल दिया और सार्वजनिक तौर पर उन्हें इस तरह से जलील किया इसकी वजह तो पता नहीं चल सकी लेकिन इसी विवाद के बाद फ़िल्म इंडस्ट्री में सोनू निगम को तमाम बड़े बैनर्स और म्यूसिक कंपनियों से गानों के ऑफर मिलने बंद हो गए। टी सीरीज जैसी दिग्गज कंपनी ने भी शायद सलमान के दबाव में सोनू निगम से मुँह मोड़ लिया। इस वाकये के बाद सोनू और सलमान के रिश्ते बहुत खराब हो गए। सोनू भी अब सलमान को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं थे।
वो सलमान के खिलाफ़ बयान देने लगे। सोनू ने एक बार कहा था कि उन्हें भी एक बार सलमान ने धमकाया था। साथ ही उनके कई गाने दूसरे सिंगर्स की आवाज में डब करा दिए जाते थे। जीस तरह एक वक्त लता मंगेशकर की नजर टेडी होने पर किसी भी गायक या संगीतकार का करियर लगभग खत्म हो जाता था। आज के दौर में सलमान पर भी ऐसे ही आरोप लगते हैं। वो नाराज होकर किसी को भी बैन करने और करियर बिगाड़ने के लिए कुख्यात रहे हैं। सलमान और सोनू निगम के बीच पंगा हुआ तो तमाम बड़े संगीतकारों ने भी भाईजान के डर से सोनू से गंवाना बंद कर दिया।
2014 के बाद एक ऐसा दोर आया जब सोनू निगम के पास फ़िल्म इंडस्ट्री से ना के बराबर काम था, भले ही हिन्दी फ़िल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री ने पूरी तरह से सोनू निगम को दरकिनार कर दिया था लेकिन वो कभी भी किसी के आगे झुकने को तैयार नहीं थे। एक वक्त तो आया जब खुल कर सोनू निगम सलमान खान से लेकर टी सीरीज का नाम लेने लगे और कई बार बयान दिया। सिर्फ दो म्यूसिक माफिया पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री के म्यूसिक को कंट्रोल करते हैं। उनका साफ इशारा सलमान और टी सीरीज की तरफ था।
सोनू निगम किसे म्यूजिक इंडस्ट्री का माफिया मानते थे:
2013 में एक कांट्रॅक्ट को लेकर सोनू कार टी सीरीज के साथ विवाद इतना बढ़ गया की उन्होंने संगीत से सन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने ट्विटर पर इस मु्द्दे को उठाया था लेकिन सोनू के फेंस ने उनका सपोर्ट किया और अपना फैसला वापस लेने को कहा और सोनू ने अपना मन बदलते हुए वापसी कर ली। सुशांत राजपूत मामले के बाद 18 जून 2020 को सोनू निगम ने ट्विटर पर वीडियो अपलोड कर अपनी बात कही थी, जिसमें उनके साथ हुई नाइंसाफी और साजिशकर्ताओं का नाम खुल कर सामने आ गया। सोनू ने कहा था कि….
सुशांत के रूप में हम एक ऐक्टर की मौत के बारे में सुन रहे हैं। कल को हम ये किसी गायक या संगीतकार के बारे में भी सुन सकते हैं क्योंकि अक्टिंग इंडस्ट्री की तुलना में म्यूजिक इंडस्ट्री में काफी बड़े माफिया हैं।
“ये जो माहौल है म्यूसिक का, हमारे देश में वो बहुत फिल्मों से बड़ा माफिया म्यूसिक में है।”
सोनू निगम
इस वीडियो के बयान में सोनू ने किसी का नाम तो नहीं लिया था लेकिन टी सीरीज के मालिक भूषण कुमार ने सोनू की बातों का खंडन करते हुए मीडिया में प्रेस रिलीफ भेजकर म्यूसिक इंडस्ट्री के पाक साफ होने की दलीलें पेश कर दी थी। इसके बाद तो सोनू निगम खुल कर मैदान में आ गए और कह दिया की….
तुमने गलत आदमी से पंगा ले लिया है। तुम वो वक्त भूल गए हो जब तुम मेरे घर आकर गुहार लगाते थे। “भाई प्लीज़ मुझे स्मिता ठाकरे बाल ठाकरे से मिलवाओ मुझे अब्बू सलेम से बचाओ।” भूषण को करने कहा।
सोनू निगम
इतना ही नहीं सोनू निगम ने अपने इस वीडियो में मॉडल मरीना कुंवर का नाम लेते हुए धमकी भी दे दी की भूषण कुमार ने उनसे पंगा लिया तो वो मरीना का वीडियो अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर देंगे। दरअसल मी टू कैंपेन में मरीना ने भूषण पर गंभीर आरोप लगाए थे। बाद में भूषण कुमार की पत्नी दिव्या खोसला भी पति के समर्थन में कूद पड़ी और लंबे समय तक आरोप प्रत्यारोप चलता रहा।
आखिरकार आमिर खान ने दोनों का तब समझौता कराया जब फ़िल्म लाल सिंह चड्ढा के एक गाने को वो सिर्फ सोनू निगम की ही आवाज में रिकॉर्ड कराना चाहते थे। आमिर के ही कहने पर सोनू और भूषण ने पिछली बातों को भुला कर साथ काम किया। इसके बाद सोनू टी सीरीज की अगली फ़िल्म शहजादा का भी एक गाना गाने के लिए तैयार हो गए। इस फ़िल्म का म्यूजिक प्रीतम ने कम्पोज किया और सोनू ने इसका टाइटल ट्रैक गाया।
सोनू निगम की कंट्रोवर्सी:
सोनू निगम अपने बेबाक बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट के चलते कई बार विवादों में भी फंस चूके हैं। ऐसा ही एक बार हुआ 2017 में जब उन्होंने ट्विटर पर मस्ज़िदों में लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर एक पोस्ट किया। सोनू ने अपने ट्वीट के जरिए धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल की आलोचना की थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल के एक मौलवी सय्यद शाह अतः अली अलकादरी ने फतवा जारी करते हुए यह कह दिया कि जो व्यक्ति सोनू निगम का सिर मुंडवाएगा फटे जूतों की माला पहनाएगा और पूरे देश में घुमाएगा तो वो उसे ₹10,00,000 का इनाम देंगे।
इसके जवाब में सोनू निगम ने खुद अपना सिर मुंडवा लिया था और प्रेस कान्फरेन्स कर मौलवी से ₹10,00,000 देने की मांग कर दी थी। दोनों के इस बयान से कुछ आतंकी संगठन भी खफा थे। उस वक्त महाराष्ट्र राज्य खुफिया विभाग ने मुंबई पुलिस को जानकारी दी थी कि सोनू निगम लश्कर ए तैयबा की हिट लिस्ट में है और उनकी जान को खतरा है। इसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। सोनू निगम के एक बयान पर 2018 में एक बार विवाद हुआ। उन्होंने कहा था कि भारत में गायकों के साथ बहुत गलत होता है।
यह म्यूसिक कम्पनिया भारतीय गायकों से पैसे लेती है जब की पाकिस्तानी गायकों के साथ ऐसा नहीं होता है। सोनू निगम ने बताया था की भारतीय गायकों को गाना गाने के लिए म्यूसिक कंपनी को पैसे देने पड़ते हैं तभी उन्हें गाने का मौका मिलता है। इससे आगे सोनू निगम ने ये भी कह दिया था की कभी कभी तो लगता है की अगर हम पाकिस्तान से होते तो अच्छा होता क्योंकि भारतीय म्यूसिक कंपनियां पाकिस्तानी सिंगर्स के साथ ऐसा नहीं करती हैं। इसके अलावा सोनू निगम राधे माँ का सपोर्ट कर भी विवादों में फंस चूके हैं।
साल 2015 में सोनू ने राधे माँ के समर्थन में एक के बाद एक तीन ट्वीट कर उनका बचाव किया था और उनकी तुलना काली माँ से कर डाली थी, जिसके बाद उन्हें विवादों का सामना करना पड़ा था। सफर के दौरान सोनू निगम ने जेट एयरवेज़ की फ्लाइट में गाना गाया था, जिसके बाद उन्हें एक बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने फ्लाइट में अनाउंसमेंट सिस्टम का इस्तेमाल कर गाना गाया था। इसके बाद क्रू मेंबर्स को सस्पेंड कर दिया गया था। सोनू निगम के गाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वाईरल होने के बाद जमकर विवाद हुआ था।
सोनू निगम के साथ हुई नॉमिनेशन में नाइंसाफी:
ये तो रही सोनू के विवादों की बात लेकिन यकीन तोर पर वो एक बेमिसाल सिंगर है। उनके साथ कई मौकों पर भेदभाव और सौतेला रवैया अपनाया गया है। इसकी एक बानगी देखिये उनके 30 साल के बेमिसाल करियर में। फ़िल्म फेयर के बेस्ट मेल सिंगर्स की कैटेगरी में उन्हें 18 बार नॉमिनेशन मिले। लेकिन उन्हें ये अवार्ड सिर्फ दो ही बार मिला जबकि मात्र एक नेशनल अवार्ड दिया गया।
अपने कई बयानों में सोनू बताते हैं कि कैसे गानों के लिए बुलवाकर गाना रिकॉर्ड कर उस गाने को डुब कर दिया जाता है। एक गाने को सात आठ सिंगर्स से गंवाया जाता है और बाद में किसी एक की आवाज में फ़िल्म में गाना रखा जाता है। वो कहते हैं कि मैं किसी से फ़ोन करके नहीं कहता कि मुझे गाने का मौका दो लेकिन खुद बुलवाकर गवाने के बाद उसे फ़िल्म में शामिल ही नहीं किया जाता। ये बतौर आर्टिस्ट मेरे लिए काफी शर्मिंदगी की बात होती है।
सोनू निगम ने अलग-अलग फील्ड में हाथ आजमाया:
सोनू निगम ने एक दौर में अक्टिंग में हाथ आजमाया था, लेकिन वो इसमें बुरी तरह से फ्लॉप रहे। सोनू फ़िल्म जाने दुश्मन, काश आप हमारे होते लव इन नेपाल में नजर आए, लेकिन ये फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर पिट गई। सोनू निगम ने हिंदी, उड़िया, पंजाबी और कन्नड़ में कई पॉप एल्बम भी निकाले हैं। पिछले 30 सालों में उन्होंने हिंदी के अलावा कन्नड़, तमिल, तेलुगु, बंगाली, मराठी, मलयालम, गुजराती, भोजपुरी और यहाँ तक की नेपाली भाषा में भी गाने गाये हैं।
उनके पॉपुलर गानों की अगर लिस्ट बनाई जाए तो ये सोचना मुश्किल हो जाता हैं की किस गाने को ऊपर रखा जाए और किसे नीचे। हर फन के लिए उनका एक अलग गाना सबसे बेस्ट हो सकता हैं।
सोनू निगम की निजी जिंदगी:
बात सोनू की निजी जिंदगी की उन्होंने मधुरिमा से लव मैरिज की है। दोनों से एक बेटा है। एक कार्यक्रम के दौरान मधुरिमा से उनकी मुलाकात हुई थी। बाद में ये मुलाकात प्यार में बदल गई। दोनों का अफेयर करीब 7 साल तक चला। दोनों ने जब शादी का फैसला लिया तो जाती आड़े आने लगी और 14 फरवरी 2002 यानी वैलेंटाइन डे के दिन दोनों ने शादी कर ली। शादी के 3 साल बाद कई वजहों से दोनों के रिश्ते बिगड़ने लगे।
2005 के आसपास सोनू का नाम स्मिता ठाकरे और सुनिधि चौहान से जुड़ा था। बात लगभग तलाक तक पहुँच गई थी। दोनों एक ही घर में रहते थे लेकिन एक दूसरे से बात नहीं करते थे। यहाँ तक की एक दूसरे का चेहरा तक देखना पसंद नहीं करते थे। ये बातें सोनू ने खुद पब्लिकली बताई थी। बाद में दोनों के रिश्ते सुधर गए और अब वो आपसी सहमति से खुशहाल जिंदगी बिता रहे हैं।
भले ही बॉलीवुड में आज सोनू को ना के बराबर गाने मिल रहे हो लेकिन दुनिया भर में उनके स्टेज शो की होप डिमांड रहती है और इसके जरिए वो अच्छी कमाई भी करते है। एक दशक से ज्यादा वक्त से बॉलीवुड उनके अनदेखी कर रहा है। लेकिन 2022 में केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री देकर उनका मान बढ़ाया। हम उम्मीद करते हैं की सोनू निगम की प्रतिभा का सम्मान करते हुए उनके साथ भेदभाव बंद होगा और एक बार फिर उनको हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री से गाने मिलेंगे, जिससे उनके फँस को कुछ नया सुनने को मिल सके।
तो ये रहा अब तक का सोनू निगम का सफर इस बेमिसाल गायक के बारे में आपकी क्या राय है? और इनके साथ हुई नाइंसाफी पर आप क्या सोचते हैं? कमेंट करके जरूर बताएगा, नमस्कार।