इन्वेस्टमेंट: गाइस अगर अपने टेंथ और 12 क्लास पास नहीं किया है, तो क्या कॉलेज आपको अडमिशन देगा? उसी तरह अगर आप इन्वेस्टमेंट करना चाहते है तो मैंने पांच पॉइंट बनाये। अगर ये पाँचों पॉइंट आप फॉलो करते है और उसपे आपका टिक लग जाता है तो बधाई हो आप इन्वेस्टमेंट की जर्नी में रेडी है लेकिन किसी भी एक पॉइंट पे आपको लगता है ये पॉइंट अभी मैं फॉलो नहीं कर रहा हूँ। फुलफिल नहीं कर रहा हूँ तो बॉस रुक जाओ क्योंकि अगर आपने इन्वेस्ट कर भी दिया तो भी आपको लॉस ही होगा।
इन्वेस्टमेंट स्टेप 1- लोन से मुक्ति:
सबसे पहला पॉइंट है की अगर आपका कोई भी अभी एग्ज़िस्टिंग लोन चल रहा है तो वो लोन आपको बंद करना है और अगर आप सोच रहे हो फ्यूचर में लोन लेने का तो वो सोच को भी खत्म करना है। क्यों? क्योंकि इन्वेस्टमेंट का मतलब होता है पैसे को रख के उस पैसे को बढ़ाना। उसको इन्वेस्ट करके उस पैसे को मल्टीप्लाई करना और लोन का मतलब होता है, जो मैंने पैसा भी कमाया नहीं है। उस पैसे को भी गवाना तो घूमा, फिरा के बोले तो अगर आपका एग्ज़िस्टिंग लोन चल रहा है तो सबसे पहले तो लिस्ट बना लो।
कितने लोन चल रहे हैं और कौन सा लोन बन करने के लिए आपने कौन सा लोन और ले लिया? और हर लोन पे जो एक इन्ट्रेस्ट रेट फिक्स है कि आपको हर महीने हर एनम पे आपको 9% 10% देना है। अगर आप लोन खत्म कर देते हैं तो सीधा सीधा अगले दिन से ही आपको 10% पर एनम का रिटर्न स्टार्ट हो जाएगा। तो कहा, आप दिमाग लगाके इन्वेस्टमेंट पे जा रहे है, ऐफ़ डी कर रहे है 6% 7% की। जब की अभी आपकी एग्ज़िस्टिंग लोन्स चल रहे है तो सबसे पहला पॉइंट है आपके पास कोई भी पैसा आता है। सबसे पहले सारे लोन को खत्म करिए क्योंकि इन्वेस्टमेंट क्या होता है?
मान लो मैं जीरो पे बैठा हूँ मेरे पास ₹1 आए तो मेरे पास ₹1 एक्स्ट्रा आ गए। उसको मैं इन्वेस्ट करने का सोचूंगा ताकि वो ₹1 से ज्यादा पैसा मैं कमा पाऊं। लेकिन अगर मैं जीरो पे बैठा हूँ, मैंने लोन ले लिया तो मैं -1 पे चला गया, क्योंकि जब तक आप लोन खत्म नहीं करेंगे तब तक अभी आप -1 पे ही है और इन्वेस्टमेंट वही कर सकता है जो जीरो पे बैठा हो या वॅन पे बैठा हो यहाँ पे रियल लाइफ एग्ज़ैम्पल बताऊँ तो एक बंदा मैंने ऐसा भी देखा जो बैंक से लोन लेता है 10% पे और वो ये सोच के लोन लेता है।
इसको मैं इन्वेस्ट कर दूंगा म्यूच्यूअल फण्ड में, शेयर मार्केट में कहीं पे भी और 20% का रिटर्न ले लूँगा 1 साल में 10% बैंक को दे दूंगा मुझे 10% डाइरेक्टली बचेगा बिना पैसा लगाए तो भैया अगर ऐसा होता तो चलो मैं आपको बोलता हूँ, मैं एक बैंक से आपको 1,00,000 करोड़ रुपए दिला देता हूँ। आप 10% हर साल बस बैंक वालो को दे देना तो क्या आप उसका 20% परसेंट का रिटर्न ले पाओगे? क्योंकि जो चीज़ आप सोच रहे हो करने का, अगर ऐसा कुछ होता तो बैंक वाले पागल नहीं है।
आपको 10% में आपको लोन देंगे आपसे फिर लोन वसूलेंगे। इतनी मेहनत करेंगे वही डाइरेक्टली वो चीज़ नहीं कर लेंगे जो आप सोच रहे हो करने का तो ये सब भ्रम होता है कि हम यहाँ से पैसा लेके यहाँ से डबल करके इनको वापस कर देंगे। तो भाई सबसे पहले तो अपनी लाइफ को सुलझाओ, जीतने लोन चल रहे हैं, उसकी लिस्ट बनाओ।
कितना कितना लोन कितना कितना अमाउंट बाकी है और कितना कितना इन्ट्रेस्ट आप दे रहे हो उसकी लिस्ट बनाओ यहाँ पे आपको पता चलेगा 10 से 12-20 परसेंट आप हर साल से वो इन्ट्रेस्ट ही दे रहे हो तो सीधा सीधा लोन को खत्म कर दो ना बॉस 20% का हर साल का रिटर्न अगले दिन से स्टार्ट हो जाएगा तो सबसे पहले लोन को खत्म करना है। उसके बाद ही इन्वेस्टमेंट के बारे में सोचना है और आप लोन चल रहा है और आप इन्वेस्टमेंट के बारे में सोच रहे हैं तो ये तो वही बात हो गई -1-2 पे बैठ के आप सोच रहे हो, मैं तीन तक चला जाऊंगा, पहले जीरो पे तो आ जाओ बॉस
इन्वेस्टमेंट स्टेप 2- इमरजेंसी फंड:
सेकंड पॉइंट पे आते है तो सेकंड पॉइंट आपके लिए है जिसपे आपको टिक लगाना है। आपके पास एक इमरजेंसी फण्ड होना चाहिए। इमरजेंसी फण्ड क्या होता है? उसके पहले ये समझो अभी आप महीने के महीने कुछ पैसे कमा रहे होंगे क्योंकि जब तक आप पैसा नहीं कमाएंगे तब तक इन्वेस्टमेंट के बारे में ना आप सोच भी नहीं सकते। पैसा कमाना मेन है, इन्वेस्टमेंट तो सेकेंडरी है। अगर हर महीने आप पैसा ही नहीं कमा रहे है तो उसको इन्वेस्ट कहा करेंगे तो ये मैं मानता हूँ की आपकी कोई ना कोई जॉब होगी। कुछ ना कुछ आप काम कर रहे होंगे। ऑनलाइन कर रहे होंगे, ऑफलाइन कर रहे होंगे।
आपके पास हर महीने कुछ ना कुछ पैसा आ रहा होगा तो वही पैसे को बचाना है। हमारे एक्स्पेन्सस कंट्रोल करना है। फिर जो पैसा बचेगा उसी को हम इन्वेस्ट करेंगे। अब आप ये सोच रहे हो मेरी अर्निंग ही नहीं है और मैं इन्वेस्टमेंट की तरफ भाग रहा हूँ ताकि मैं उससे पैसा कमा लू तो ये तो भैया आपने पूरा जो है वो खिचड़ी बना लिए। सबसे पहले दाल रोटी खाना सीखते है तो दाल रोटी ये बोलती है की भैया मुझे एक इमरजेंसी फण्ड बनाना है, जो भी मेरा मंथ्ली पैसा आ रहा है।
जितना भी मेरा अभी खर्चा हो रहा है हर महीने का, मैं ये सोचता हूँ की हर महीने आपके 10,000 20,000 का खर्चा होगा, अब उसको मल्टीप्लाई करो, सिक्स से जो भी एक अमाउंट बनता है, इतना अमाउंट आपको सबसे पहले इकट्ठा करना है, लोन्स खत्म करने के बाद अब मैं मेरा एक्स्पेन्सस कम कर सकता हूँ महीने की इन्कम बढ़ा सकता हूँ कुछ भी मैं करूँ मेरी इन्कम बढ़ा हूँ या मेरे खर्चे कम करूँ?
छह महीने का एक इमरजेंसी फण्ड मेरे बैंक अकाउन्ट में होना चाहिए कि कल को कुछ भी हो जाए तो मेरे पास बस एक क्लिक करना है। ऐफ़ डी तोड़ूंगा। सीधा पैसा आ जाएगा या उसको मैंने बैंक अकाउन्ट में ही रखा हुआ है तो वो पैसा मुझे डाइरेक्टली लिक्विडेट हो जाएगा तो ये इमरजेंसी फण्ड मतलब होता है इमीडियेट अगले सेकंड मुझे वो पैसा चाहिए मुझे वो मिल जाए।
अगर वही मैं इमरजेंसी फण्ड शेयर मार्केट में लगा दूं, म्यूच्यूअल फण्ड में लगा दूं तो 1 से 2 से 5 दिन लग सकता है और यह गैरॅन्टी भी नहीं है। जितना पैसा लगाया उतना ही पैसा मिलेगा तो सिंपल सादा लॉजिक है इमरजेंसी फण्ड को आप समझो आपके बैंक अकाउन्ट का बैलेंस या तो आप एक ऐफ़ डी करके रख दो वो ऐफ़ डी कितनी भी कर सकते हो बट मिनिमम आपको छह महीने का एक रन वे बना के रखना है की आपके पास जितनी भी आपकी इन्कम हो रही है खर्चे हो रहे है।
छह महीने का रनवे हो कल को आपकी जॉब चली जाती है तो छह महीने जीने के लिए आपके पास पैसा हो ताकि आपकी हर रात में आप पीसफुल तरीके से सो पाए।
इन्वेस्टमेंट स्टेप 3- इंश्योरेंस लेना:
थर्ड स्टेप में आपको बताऊँ जो आपको फॉलो करना है, फुलफिल करना है। उसके पहले मैं आप ही से पूछना चाहता हूँ ये जो वीडियो है या आप जीस मोबाइल में देख रहे हो, क्या उस मोबाइल पे स्क्रीन गार्ड लगा हुआ है? क्या उसपे कवर लगा हुआ है? ये क्यों लगाया आपने? इसीलिए ना की वो फ़ोन गिर जाए तो भैया बच जाए। मेरी मेहनत की कमाई है, खराब ना हो तो भैया फ़ोन पे कवर लगाते हो तो खुद पे इन्षुरेन्स का कवर क्यों नहीं लेते? अब आप ये सोचोगे इन्षुरेन्स क्यों? लू भाई मैं तो सिंपल सादा लॉजिक है। हर साल इंडिया में 14% से मेडिकल की जो सर्विसेज है वो इन्क्रीज़ हो रही है।
इन्फ्लेशन बढ़ रहा है 14% से तो अब एक बात बताओ अब आप जाओगे इन्वेस्ट करने पैसा उस पैसे पे आपको कितना रिटर्न आता है उसका जितना भी चांस है उससे ज्यादा चांस तो ये है की कल आप रोड पे जाओ। पीछे से कोई आपको ठोक के चला जाए। अब आपको मान लो ठोक के कोई चला गया और आपके ऊपर 5 से ₹10,00,000 का हॉस्पिटल का बिल आ गया तो आपका तो पूरा 1 साल खराब हो गया। अगर मैं ये मान के चलो हर साल आप ₹10,00,000 कमाते हो तो इन शार्ट एक इंसिडेंट ने आपका 1 साल पूरा खराब कर दिया।
जैसे तैसे आप लोन लोगे कुछ भी करोगे वो पूरा हॉस्पिटल का बिल भरोगे और अपने आप को बचाओगे और उसके बाद आप आपको 1 साल तक मेहनत करना है। सिर्फ वो जो इंसिडेंट हुआ उसका पैसा रिकवर करने में। इसलिए बोला जाता है की मेडिकल इन्षुरेन्स ले लेना चाहिए। क्यों? क्योंकि उसका जो रिटर्न है वो वॅन थाउज़न्ड परसेंट है। अभी आपको हर साल 10 से ₹15,000 देना है और आपको 10,00,000 तक का कवर मिलता है की कभी आपको कुछ भी हो जाए तो ₹10,00,000 देने के लिए कंपनी बैठी हुई है और आपको सिर्फ हर साल का 10 से ₹15,000 देना है।
यानी की आपके सिर्फ एक महीने की सैलरी देना है और उससे आपको साल भर का कवर मिल गया। अगर कुछ भी ऐसा होता है और अगर आप ये सोचो की हर साल में ₹10,000 दे रहा हूँ और भाई मेरा कभी अक्सीडेंट ही नहीं हो रहा है तो मेरा तो लॉस हो गया तो भैया ये तो अच्छी बात है ना, ₹10,000 में आपकी लाइफ बच रही है इन शार्ट ये सोचो ना ये क्या सोच रहे हो की जितना पैसा दे दिया उसकी रिकवरी कब करूँगा तो उसको इन्वेस्टमेंट मत माना और रिटर्न मत देखो। आप ये देखो कुछ भी होगा, मुझे एक साथ इतना पैसा देना पड़ेगा।
इससे अच्छा तो यही है की मैं ₹10,000 साल दे दूं और ₹10,00,000 से मैं खुद ही कवर हो जाऊं। मेरे पूरी फैम्ली वालो को कवर कर लू तो थर्ड स्टेप में आपको सबसे पहले एक मेडिकल इन्षुरेन्स लेना ही चाहिए क्योंकि कभी भी कुछ भी होगा तो आप वापस से जीरो से -2 या-3 पे चले जाएंगे फिर वापस जीरो पे आने में फिर आपको बहुत टाइम लगेगा यहाँ पे हमको टाइम ही तो बचाना है.
टाइम इस मनी अगर हमने टाइम बचा लिया तो मनी तो हम कमा ही लेंगे अगर 1 साल तक आपने पूरा वेस्ट कर दिया, पैसा खूब कमाया और बस आपको हॉस्पिटल बिल के लोन्स ही भरने रह गए तो आपका 1 साल तो खराब हो गया। इससे बेटर तो ये था एक महीने की सैलरी की मेडिकल इन्षुरेन्स ले लूँ और उसके बाद 1 साल तक मैं पूरा कवर हो जाऊं ₹10,00,000 से पता कौन सा एक इंसान आप मुझे बता दो जीसको आप ₹10,000 दो और उसको बोलो कभी भी कुछ भी होगा तो मुझे ₹10,00,000 दे देना।
यही काम तो कर रहा है मेडिकल इन्षुरेन्स वो इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनको भी पता है कि 100 में से 90 लोगों को कुछ नहीं होगा, 10 लोगों को ही होगा लेकिन वो जो 10 लोग हैं उनके लिए भी तो अच्छी बात है ना? भाई दोनों तरफ से विन विन सिचुएशन है ₹10,000 में आपको ₹10,00,000 का कवर मिल रहा है तो थर्ड स्टेप में आपको सबसे पहले लेना है मेडिकल इन्षुरेन्स इन्वेस्टमेंट के भी पहले क्योंकि इन्वेस्टमेंट तो आप ₹100 का ₹200 करोगे यहाँ पे ₹10,000 का ₹10,00,000 हो जाएगा।
अगर आपके साथ कुछ भी होता है अब यहाँ पे मेडिकल इन्षुरेन्स के अलावा एक और इन्षुरेन्स आपको लेना चाहिए। वो होता है लाइफ इन्षुरेन्स जीसको बोलते हैं टर्म इन्षुरेन्स अब मान लो आपकी एक फैम्ली है। आप अकेले घर में कमा रहे हो, अब कल को आपको कुछ भी हो जाता है, होना तो नहीं चाहिए, लेकिन किसने देखा? तो लॉस ऑफ़ लाइफ जो है वो उससे कवर हो जाती है। अब मान लो आप एक अकेले बंद हो जो पूरा घर चला रहे हो, कमा रहे हो, सारी चीजें कर रहे हो। कल को आपको कुछ भी हो जाता है तो आपके परिवार वाले क्या करेंगे?
वो तो अभी जॉब भी नहीं करते तो उसके लिए होता है टर्म इन्षुरेन्स की आप एक छोटी सी प्रीमियम दे दो हमको हर साल तो आप 60 साल तक अगर आपको कुछ भी होता है, आपकी अगर डेथ होती है तो वो कंपनी आपको डाइरेक्टली ₹50,00,000 ₹1,00,00,000 आपके फैम्ली मेंबर्स को दे देगी। तो इन्शुर्ड आपको 1,00,000 में आपको 1,00,00,000 का पूरा टर्म इन्षुरेन्स मिल गया तो आपने अपने आप को ही एन्सुर कर दिया। पहला तो हो गया मेडिकल इन्षुरेन्स आपको कुछ होता है तो आपको हॉस्पिटलैज़ होगा तो वो बिल वो कंपनी देगी और टर्म इन्षुरेन्स होता है।
अगर आप इस दुनिया से चले जाते है तो आप जो भी एक वैल्यू सेट करके जाएंगे, ₹50,00,000 का टर्म इन्षुरेन्स है ₹1,00,00,000 का टर्म इन्षुरेन्स है तो अगर आपको कुछ होता है तो आपकी फैम्ली मेंबर्स को उतना पूरा लम्प सम अमाउंट मिल जाएगा। ₹50,00,000 ₹1,00,00,000 तो उनको एक टाइम फ्रेम मिल जाएगा 10 या 12 या 50 साल जीने का उस पैसे को वो यूज़ करके जी सकते भैया घूमा फिरा के बोलो तो जो भी आपकी सैलरी होगी ये सोच लो एक महीने की सैलरी मैंने दे दी मेडिकल इन्षुरेन्स में एक महीने की सैलरी दे दी। टर्म इन्षुरेन्स की किस्त में तो इससे होगा।
क्या आपके, आपके परिवार को कभी भी कुछ भी होगा? तो एक कंपनी बैठी है जो आपको लम्प सम पैसा देने तैयार है और अगर आपको कुछ भी हो गया तो आपकी फैम्ली को सपोर्ट करने के लिए भी एक कंपनी बैठी है जो उनको लम्प सम अमाउंट दे देगी, जिससे उनकी जिंदगी पे ज्यादा फरक नहीं आएगा।
आपके जाने के बाद एमोशनली तो आएगा, बट फनैन्शली आपने उनको सिक्योर कर दिया और बॉस यहाँ पे एक चीज़ का और ध्यान रखें आप ये मेडिकल इन्षुरेन्स और जो टर्म इन्षुरेन्स लेने वाले हैं उसमें रिटर्न वाली चीज़ ऐड ना कराये क्योंकि बहुत सारी कंपनी को क्या होता है? प्रॉफिट मिलता है उनके एजेंट्स को तो वो आपको ये बोलते हैं। इसमें आपका टर्म इन्षुरेन्स भी कवर है। इसमें मेडिकल इन्षुरेन्स भी कवर है और जो आप पैसे देने वाले हो उसका आपको रिटर्न भी मिलेगा।
तो उसमें होता क्या? अगर आपने ₹1,00,000 की प्रीमियम भरी तो सिर्फ ₹10,000 का आपका टर्म इन्षुरेन्स का कवर हुआ। मेडिकल इन्षुरेन्स का कवर हुआ ₹90,000 तो वो घूमा फिरराे अभी भी इन्वेस्ट ही कर रहे है। म्यूच्यूअल फण्ड में शेयर मार्केट में आपको नॉर्मल रखना है। इन्षुरेन्स को इन्षुरेन्स की तरह देखना है की मुझे इससे रिटर्न नहीं चाहिए, लेकिन कुछ भी होता है तो जो मुझे रिटर्न मिलेगा वही मेरे लिए मैक्सिमॅम इन्कम है और अगर आप इन्षुरेन्स को ऐसा देखते है, मैंने कुछ प्रीमियम दिया।
थोड़े साल बाद मुझे ये पैसा मुझे वापस देगा। मुझे कुछ नहीं हुआ उसके बावजूद तो वो एक तरह से इन्वेस्टमेंट ही हो गया तो अपन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करेंगे ना उनको पैसा देके फिर वो म्यूच्यूअल फण्ड में लगाएंगे। इससे अच्छा तो भाई हम डाइरेक्टली म्यूच्यूअल फण्ड में लगा देंगे तो हमको इन्षुरेन्स को इन्षुरेन्स की तरह देखना है और इन्वेस्टमेंट को इन्वेस्टमेंट की तरह देखना है। इन्षुरेन्स के अंदर इन्वेस्टमेंट नहीं घुसाना है।
इन्वेस्टमेंट स्टेप 4- इन्वेस्ट करना:
अब भैया जो चौथा पॉइंट है, अगर आपके तीनों पॉइंट टिक हो गए, लोन खत्म कर दिया है, इमरजेंसी पॉइंट बैंक में पड़ा हुआ है, उसके बाद मैंने हेल्थ इन्षुरेन्स टर्म इन्षुरेन्स ले लिया है तो अब मेरी बात आती है इन्वेस्टमेंट करने की। बट इन्वेस्टमेंट करने के पहले आप ही बहुत सारे लोग मुझसे पूछेंगे, मेरी तो अर्निंग ही नहीं है। इन्वेस्टमेंट कहाँ से करूँ? पहले पैसा कैसे कमाऊ में तो बता दो? तो फॉर्थ पॉइंट में यही है।
आपको फोकस रखना है अर्निंग पे इन्वेस्टमेंट सेकेंडरी होता है, जब आपके पास पैसा ये सब करने के बाद बच जाता है, फिर आप दिमाग लगाते हो कि ये पैसे को कहीं ऐसी जगह लगा दूं ताकि जो मैं चीज़ कर रहा हूँ हर महीने उसका पैसा तो मुझे मिल रहा है, लेकिन जो एक्स्ट्रा पैसा मेरा बन रहा है वो मैं इन्वेस्ट कर दूं ताकि वो पैसा खुद ही अपने आपको ग्रो करे।
जैसे एक प्लांट ग्रो करता है, वो पैसा अपने आपको ग्रो करे, मान लो आपने ₹10,000 कमाए ₹5000 बचाए तो ये जो ₹5000, ये हमें कहाँ इन्वेस्ट करूँ? ताकि वो अपने आप ₹5000 से ₹7000 हो जाए? ₹8000 हो जाए मेरा एक सेकंड भी वेस्ट ना हो, एक सेकंड भी खराब ना हो वो पैसा खुद ही ग्रो करे, उसके पहले तो है आपकी अर्निंग बढ़ानी पड़ेगी ना बॉस आपको आपकी अर्निंग ही नहीं है। खर्चे ही बहुत लपक के चल रहे हैं। लोन ही लोन चल रहे हैं। सारी चीजें हो रही है तो इन्वेस्टमेंट तो छोड़ ही दो।
पहले अर्निंग पे फोकस करो अर्निंग बढ़ाओ। जितनी ज्यादा हो सके अर्निंग बढ़ाने पे ध्यान दो। अगर आप जॉब करते हो एक सैलरी फिक्स है तो जॉब अवर्स के बाद जो एक्स्ट्रा अवर्स बचते हैं, उसमें आप क्या कर सकते हो कि आपकी और अर्निंग बढ़ जाए क्योंकि जितनी ज्यादा अर्निंग बढ़ाओगे उतना ज्यादा आप इन्वेस्टमेंट कर पाओगे और इन्वेस्टमेंट की अच्छी बात यह है कि एक बार छोड़ देना फिर ना आपको दिमाग लगाना है, ना मेहनत करना है, ना टाइम देना है।
वो पैसा खुद ही ग्रो करेगा, तो ये तो कितनी अच्छी बात हो जाएगी की ₹10,000 आपकी सैलरी है और ₹5000 अगर आप इन्वेस्ट कर रहे हो तो वो हर महीने ₹5000 या हर साल ₹5000 ₹10,000 हो रहे है तो आपको बिना कुछ करे पैसा ग्रो हो रहा है तो आपको पास अर्निंग बढ़ाने पे ध्यान देना है और पूरा अर्निंग बढ़ाने पे ही ध्यान देना है। अगर आपने इन्वेस्टमेंट पे ध्यान दिया की आपकी जॉब छोड़ के चीज़े छोड़ के अब आपसे वो अपना टाइम इन्वेस्टमेंट पे दे रहे हो तो ये गलत चीज़ हो जाएगी, क्योंकि आपको सबसे पहला फोकस आपकी अर्निंग पे ही करना है। जब अर्निंग बढ़ेगी तभी इन्वेस्टमेंट के दरवाजे खुलेंगे।
घूमा फिरा के अर्निंग बढ़ाओ, अर्निंग बढ़ाओ अर्निंग बढ़ाओ दिमाग लगाओ, नई स्किल्स को गेन करो। जीस ऑफिस में काम कर रहे हो वहाँ पे अगर कुछ ऐसे लोग भी है जो चीज़ जो वो कर रहे है आपको नहीं आता तो आप सीखो नई नई क्लासेज लगाओ क्योंकि स्किल ही आज के टाइम में पैसा है। अगर आपको कोई स्किल ही नहीं आती है तो आपको कोई पैसा क्यों देगा? फिर तो गधा माली वाली बात हो गयी तो वो तो गधे से भी करा लेंगे। घोड़े से भी करा लेंगे आपका युज क्यों करेगा? अगर आप एक इंसान हो, दिमाग है तो स्किल डेवलॅप करो, स्किल पे इन्वेस्ट करो।
जितनी ज्यादा चीजें आपको आएगी उतनी ज्यादा आपको जॉब ऑपर्च्युनिटी खुलेगी। अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं और आपके पास स्किल ही नहीं है वो अगर कंपनी आपको हटा देती है तो दूसरी कंपनी भी आपको नहीं लेगी। लेकिन अगर आपके पास चार अलग अलग तरीके की स्किल्स है तो कोई भी कंपनी आपको ले लेगी। फिर आपको जॉब के लिए नहीं भटकना है तो सबसे पहले बैठो समझो।
क्या आपको जॉब मिल रही है? मार्केट में नहीं मिल रही है तो अपने अंदर झांको। क्या आपके अंदर कोई स्किल है? अगर स्किल होगी तो जॉब आपको जरूर मिलेंगी, तो घूमा फिरा के कहीं बाहर इन्वेस्ट करने के पहले अपने अंदर ही इन्वेस्ट करो, अपनी स्किल्स बढ़ाओ।
टेली नहीं आती टेली सिखो टेली की मार्केट में बहुत जॉब है। ऐसे बहुत सारे छोटे छोटे कोर्सस है जो आप कर सकते हो डाइरेक्टली घर बैठे पैसा कमा सकते हो, बट वही बात है ना बॉस आपको स्किल कंप्लीट करनी पड़ेगी। स्कूल कॉलेज में आपको स्किल नहीं सिखाते, सिर्फ डिग्री देते और आज के टाइम में आप मार्केट में निकल के देखो। सबके पास डिग्री है इसलिए तो जॉब नहीं मिल रही क्योंकि स्किल के ऊपर कोई फोकस नहीं करता।
आप इंटीरियर डिजैनिंग करना चाहते हो? इंटीरियर की चीजें सीखो सिर्फ कंपनी में या कोर्स लेके या एक सर्टिफिकेट लेके मत भागो आपको अपना दिमाग यूज़ करके पहले अपने अंदर इन्वेस्ट करना है, अपने स्किल्स बढ़ाना है। उसके बाद उस स्किल से पैसा कमाना है चाहे वो इतना पैसा आ जाए की उसमें पैसा बचने लगे। आपके एक्स्पेन्सस कंट्रोल रखना है। उसके बाद उस पैसे को इन्वेस्ट करना है ताकि बिना कुछ करे वो पैसा ग्रो करेगा।
10 साल बाद आपको घर लेना है, कार लेना है तो अभी मत लो लोन लेके 10 साल तक पैसा इतना कमाओ और सब कुछ कमा कमा के इन्वेस्ट कर दो। फिर ऑटोमेटिकली जो पैसा आपने इन्वेस्ट किया है गोल बनाया उससे अपने आप आपको इन्वेस्टमेंट से रिटर्न आ जाएगा। अच्छा खासा ₹1,00,000 डाल के ₹10,00,000 भी बन सकता है। अगर उसको आप 10 साल दे दो तो अपने आप आपको पैसा बिना कुछ करे मिलने वाला है तो क्यों ना हम फोकस करे अर्निंग पे। एक्स्ट्रा पैसे सीधा इन्वेस्ट कर दे और इन्वेस्ट करने के बाद वो पैसे को भूल जाए।
10 साल बाद समझेंगे की वो पैसा कितना ग्रो हो गया अभी हम हमारी स्किल पे ध्यान दे, अर्निंग पे ध्यान दे पैसे कमाने पे ध्यान दे अगर हम पैसा कमाने की जगह इन्वेस्टमेंट पे ध्यान देंगे तो बॉस ये चौथा पॉइंट यही है की अपने अंदर ही इन्वेस्ट करो बाहर इन्वेस्ट करने के पहले ताकि कल को कोई भी जॉब वाला कोई भी कंपनी वाला आपको हटा दे तो आप सीधा तान के खड़े होके बोल सकते हो। मेरे पास ये स्किल है, कोई भी कंपनी मुझे ले लेगी।
इन्वेस्टमेंट स्टेप 5- पैसे वाला बनना:
अब बॉस पांचवा जो स्टेप है वो यही है की वेल्थ कैसे क्रियेट करे? अब आपके पास सब कुछ हो गया, लोन आपने खत्म कर दिया। इमरजेंसी फण्ड रख लिया, हेल्त इन्षुरेन्स टर्म इन्षुरेन्स कर लिया ताकि आपकी फैम्ली सिक्योर हो गई। आप सिक्योर हो गए। आपकी जवाब अच्छी कैसी चल रही है, अर्निंग अच्छी खासी आ रही है। अब जो पैसा बच रहा है, इसी को हम इन्वेस्ट करेंगे। इसी से हम रिटर्न पाएंगे और इसी को हम बहुत बड़ा बनाने वाले है ताकि कुछ सालों बाद मैं खुद ही एक करोड़पति बन जाऊं।
इतने से पैसे लगा के पांचवे पॉइंट में यही सीखेंगे की वेल्थ कैसे क्रियेट करे, अभी मैं जो भी चीज़ कर रहा हूँ वही पैसे को बचा के पैसे को बढ़ाना कैसे है? वही मैं अब आपको सिखाने वाला हूँ तो ये छोटे से ब्लॉग में नहीं होगा। आने वाला ब्लॉग म्यूच्यूअल फण्ड के ऊपर आने वाला है।
अब इस पैसे को हम कहा ऐसी जगह इन्वेस्ट करे जहाँ पे मुझे ध्यान भी नहीं देना पड़े और आने वाले 5 साल 10 साल में वो पैसा ग्रो हो, 10% 20% 50% 100% भी हो तो मुझे कोई भी दिक्कत नहीं है क्योंकि मैंने वहाँ पे एक सेकंड भी मेरा टाइम वेस्ट नहीं किया। जो भी चीज़ मैं कर रहा था मैं वही करता गया। मेरी अर्निंग बढ़ाता गया।
बस एक मैंने इन्वेस्टमेंट कर दिया जो हर महीने मेरे सैलरी अकाउन्ट से निकलता जा रहा है और आटोमेटिकली जब मैं 10 साल बाद 10 साल पीछे देखूंगा तो मुझे ये यकीन हो जाएगा की जितना मैंने पैसा कमाया उससे ज्यादा पैसा तो मैंने सिर्फ इन्वेस्टमेंट से ही बना लिया बिना कुछ करे तो जब वो पैसा आपको वापस मिलेगा तो सोचो क्या मज़े आने वाले हैं आपकी लाइफ में जो जो चीजें आप करना चाहते थे सब कुछ उस पैसे से कर सकते हो लेकिन वो अभी अगर आप करोगे तो आपको लोन लेना पड़ेगा।
जो पैसा नहीं कमाया वो पैसा आपको पहले तो कमाना है फिर उनको देना है फिर भरना है तो ये इन्स्टंट चीज़ हो गई। कल मुझे आइफ़ोन लेना है, कार लेना है। लोन वाली कंपनी तो बैठी हुई है। बॉस आपके पास आने तैयार है। आपको लोन देने तैयार है क्योंकि उनको भी पैसा कमाना है आप ही के पैसे से।
लेकिन अगर आप वो चीजें आपने ले ली और सोसाइटी में दिखा दी तो सोसाइटी में लेवल तो अप हो गए लेकिन पीसफुली माइंडफुल्ली आप देखेंगे तो आप लेवल डाउन है क्योंकि आप जो भी आप मेहनत करने वाले हो, अपने लिए, अपने परिवार के लिए नहीं करने वाले, आप वो लोन कंपनी के लिए करने वाले सबसे पहले तो लोन भरना पड़ेगा तब जाके आपको कुछ होगा।
आगे जाके कुछ कर सकते हो, लेकिन अगर ये चारों पॉइंट आपने फॉलो कर ली, उसके बाद इन्वेस्टमेंट किया तो अब आपकी वेल्थ क्रियेट होगी। अब आप एक तरह से जीरो की जगह सीधे 10 पे 20 पे चालांग मारेंगे। अभी तो आप माइनस पे बैठे होंगे। हो सकता है ये ब्लॉग खत्म होते होते। आपको ये तो समझ आए की पहले जीरो पे तो आ जाऊं फिर वॅन टू की बात करूँगा। अगर आप माइनस पे बैठे है तो पहले जीरो पे आओ फिर वॅन टू की बात करो तो ये ब्लॉग अगर आपने यहाँ तक पढ़ लिया तो आने वाला ब्लॉग उन्हीं के लिए है।
यह ब्लॉग आपने पूरा पढ़ लिया है और पूरे सारे पाँचों पॉइंट जो है उसमें टिक हो गया है। और हो सके तो ये ब्लॉग भी सबको शेयर कर दो ताकि सबको पता चले जो इन्वेस्ट इन्वेस्ट करते है वो पहले अपने अंदर झाग के देखे की वो जीरो पे है, माइनस पे है की प्लस पे है, थैंक यू।