लिबी राणा: एक ऐसी अदाकारा जिन्होंने फिल्मों में छोटी छोटी भूमिका निभा कर अपनी बड़ी पहचान बनायी। जिनके मुस्कुराहट सभी का दिल जीत लिया करती थी और वो अभिनय के दम पर अपने दौर की बड़ी बड़ी हीरोइनों को भी टक्कर देती थी। एक ऐसी अभिनेत्री जिन्होंने संजीव कुमार के साथ जोड़ी बनाई और उनके साथ कई फिल्मों में काम किया। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं की आप फिल्मी अदाकारा दो दशक तक फिल्मों में काम करने के बावजूद एक गुमनाम सितारा बनकर रह गई।
क्या आप सोच सकते हैं कि 60 और 70 के दशक की अभिनेत्री कभी एक फुल टाइम हीरोइन के रूप में अपनी पहचान नहीं बना पाईं। पर क्या आप यकीन करेंगे कि ऐसा दौर भी आया जब लोग उनसे मिलने के लिए उनके पास आते, तब यह अभिनेत्री अपनी पहचान छुपा कर भाग जाती थी। कौन थी? यह बदनसीब अभिनेत्री क्या था उनका असली और फिल्मी नाम क्यों अभिनेत्री के चेहरे की तुलना आज भी लोग कट्रीना कैफ से करते हैं।
उस दौर में बॉलीवुड में काम करने वाली अभिनेत्रियों भले ही आज उम्र के उस पायदान पर पहुँच गई हैं जहाँ उनकी खूबसूरती ढल जाती है लेकिन यह अभिनेत्री जब तक फिल्मों में आई हमेशा पर्दे को अपनी खूबसूरती से चमकाती रही। क्यों यह अदाकारा अपनी गजब की सुंदरता और मासूम चेहरे के बावजूद अपने स्टारम को बरकरार नहीं रख पाई? जानेंगे और भी बहुत कुछ बस बने रहिये हमारे साथ इस ब्लॉग के अंत तक। लिबी राणा इतनी
खूबसूरत होने के बावजूद गुमनाम हो गई:
तो दोस्तों नमस्कार, वैसे तो 1960 और 70 के दशक की फिल्मों दुनिया में बहुत सी अभिनेत्रीया रही, जिन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर अपना दमखम दिखाया। इनमें मधुबाला, मीना कुमारी और वहीदा रहमान से लेकर मुमताज़, रेखा, परवीन बॉबी और जीनत अमान जैसे कई हीरोइनें शामिल हैं। उसी दौर में एक ऐसी हीरोइन भी रही जिन्होंने छोटी छोटी भूमिका के दम पर ये ऐसी पहचान बना ली कि हर कोई उनका फैन हो गया था। ये हीरोइन थी लिबी राना यानी निवेदिता। यह इनका फिल्मी नाम था। गाल में पड़ने वाले डिंपल और गजब के मुस्कुराहट से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया था।
वह फिल्मों में हमेशा साइड रोल में दिखाई दी, लेकिन बड़ी बड़ी हीरोइनों को भी टक्कर दी। निवेदिता के निजी जीवन के बारे में फ़िल्म, मैगजीन और मीडिया पर भी कोई जानकारी नहीं मिलती है। आज भी यह रहस्य बना हुआ है। किस अभिनेत्री का जन्म कब और कहाँ हुआ और इनके माता पिता का क्या नाम था? यह अभिनेत्री एक फ़िल्म जगत का धुंधला सितारा बन कर रह गई।
लिबी राणा की फिल्मी सफर की शुरुआत:
लिबी राणा का फिल्मी सफर साल 1961 में बनी डाइरेक्टर वेद मदन की फ़िल्म वेलीट पास से शुरू हुआ था। उन्होंने फ़िल्म में छोटा सा रोल किया था। फ़िल्म में यह अपने दूसरे और फिल्मी नाम निवेदिता से पहचानी गई। इस फ़िल्म के गाने शमशाद बेगम और मोहम्मद रफ़ी आशा भोसले ने गाए थे। इसके बाद वो नजर आई 1964 में रिलीज़ फ़िल्म शगुन में। इस फ़िल्म का निर्देशन नजीर हुसैन ने किया था। इसमें कमलजीत और वहीदा रहमान ने अभिनय किया था यह वही कमलजीत थे जिन्होंने वहीदा रहमान से शादी की थी।
सब फ़िल्म निर्माताओं को खासे पसंद आने वाले खयाम साहब फ़िल्म के संगीतकार थे और इस गीत में आवाज उनकी पत्नी जगजीत कौर जी की थी। लिबी राणा उर्फ निवेदिता पर इस गाने को फ़िल्माया गया था। देखने वालों की नजर एक पल के लिए उनके चेहरे से हटती नहीं है। गालो पर डींपल और खिलखिलाते मुस्कान वाले लिबी राणा का चेहरा रौशनी और छाया में चमकता था। तुम अपना रंजोगम अपनी परेशानी मुझे दे दो। इस फ़िल्म का सबसे पॉपुलर गाना था।
लिबी राणा के कई गाने मशहूर हुए:
साल 1965 की फ़िल्म तू ही मेरी ज़िन्दगी जीसको आर मुखर्जी ने गाया था। इस फ़िल्म में लीबि राणा उर्फ निवेदिता को देव मुखर्जी के साथ काम करने का मौका मिला। फ़िल्म का एक गाना निवेदिता पर फिल्माया गया था और जीसको आशा भोसले ने आवाज दी थी। इस गाने में लिबी की खूबसूरती देखते ही बनती है। 1968 में फ़िल्म फरिश्ता में अभिनेता देव कुमार और निवेदिता ने साथ काम किया। हालांकि फ़िल्म ज्यादा सफल नहीं हो सकी, लेकिन निवेदिता का प्रभाव एक अरसे तक दर्शकों पर बना रहा।
साल 1969 में आई फ़िल्म बेंक रॉबरी में लिबी राणा उर्फ निवेदिता ने दोबारा देव कुमार के साथ फ़िल्म में काम किया। फ़िल्म के दो गाने बड़े लोकप्रिय हुए थे जिसके बोल थे 100, 100 के नोट पे ना जा। इस गाने को मोहम्मद रफ़ी और कृष्णा काले ने गाया था। संगीत दिया था चित्रगुप्त ने और गीत लिखे थे प्रेम धवन ने भी। लिबी राणा की साल 1969 में तीन और फिल्मों भी रिलीज़ हुई। ये फिल्मों थी सपना, ज्योति और धरती कहें पुकार के।
तीनों फिल्मों में से फ़िल्म ज्योति में उन्होंने संजीव कुमार के साथ काम किया और उनके काम को काफी सराहना मिली। दोनों को इस फ़िल्म से पहचान मिलने लगी थी। जितेंद्र और नंदा की जोड़ी में बनी फ़िल्म धरती कहे पुकार के अपने दौर की सुपरहिट फ़िल्म थी।
लिबी राणा को फिल्मों में छोटी भूमिका ही मिली:
निवेदिता को फ़िल्म में छोटी सी भूमिका में देखा गया। साल 1970 के फ़िल्म हवेली में निवेदिता शैलेश कुमार के साथ नजर आई, मगर यह फ़िल्म भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। इसके बाद साल 1973 में संजीव कुमार के साथ बनी रोमेंटिक फ़िल्म रॉकी मेरा नाम लोगों को काफी पसंद आई। फ़िल्म में लिबी राणा को दो गानों में संजीव कुमार के साथ देखाई थी, मगर दुर्भाग्य से गानों के बोल उन पर नहीं फ़िल्माये गए थे। साल 1976 में लीबियाना हिंदी फिल्मों के माने हुए हास्य अभिनेता महमूद द्वारा प्रोड्यूस फ़िल्म सबसे बड़ा रुपया में भी एक छोटी सी भूमिका में नज़र आई।
विनोद मेहरा, मौसमी चटर्जी जैसे बड़े कलाकारों के साथ फ़िल्म में काम करने का भी लिबी को खास फायदा नहीं हुआ। वैसे यह फ़िल्म काफी लोकप्रिय रही। इसके बाद लिबी राणा उर्फ निवेदिता ने फिल्मों से दूरी बना ली और फिर आखिरी बार साल 1996 की फ़िल्म जान में उन्हें एक्स्ट्रा कलाकार के रूप में देखा गया।
लिबी राणा को बुरे वक्त में कोई काम नहीं आया:
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जब लिबी पर बुरा वक्त आया तो लोग उनसे कन्नी काटने लगे। कभी जीस अदाकारा की अदाओं पर फ़िल्म दर्शक मर मिटते थे। एक वक्त ऐसा भी आया जब वह लोगों के सामने आने से कतराने लगी। अगर कोई उनको पहचान भी लेता था कि ये वही लिबी राणा यानी निवेदिता है तो वह खुद उनसे नजरें छुपाकर भागने लगती थी।
ऐसा ही एक किस्सा मशहूर हुआ फ़िल्म क्रूटेक खालिद मोहम्मद के साथ। दरअसल जब खालिद मोहम्मद सालों पहले से मुंबई के होटल ताज में एक बुक शॉप पर अचानक मिल गए थे तो उन्होंने लिबी राणा को तुरंत पहचान लिया। जैसे ही खालिद ने हिम्मत जुटा कर उनसे पूछा कि वो एक्ट्रेस लिबी राणा है, पहले तो वो उनसे नजरें चुरा कर भागने लगी और कहा कि नहीं तुम्हें कोई गलत फ़हमी हुई है। काफी पूछने पर लिबी राणा की हिम्मत जवाब दे गई और उन्होंने कहा कि हाँ वो फिल्मों में थी।
फिर उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया, काफी मज़ा आता था फिल्मों में काम करने पर, लेकिन लोग तभी आपको सलाम करते हैं जब आपका सितारा बुलंद हो। ताज्जुब की बात है कि लिबी राणा जैसी एक्ट्रेस जो लाखों दिलों पर राज़ करती थी, उन्होंने इस हाल में जिंदगी गुजारी। आपको बता दे कि वह अब इस दुनिया में हैं भी या नहीं इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
तो दोस्तों कैसी लगी आपको हमारी ये जानकारी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएगा। अगर आपको के बारे में कोई और जानकारी हो तो हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएगा, नमस्कार।
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कुछ सामान्य प्रश्न और उनके उत्तर हैं:
- लिबी राणा कौन थी?
- लिबी राणा एक फिल्मी अभिनेत्री थी जिन्होंने 1960 और 1970 के दशक में अपना करियर शुरू किया।
- लिबी राणा की पहली फिल्म कौन सी थी?
- लिबी की पहली फिल्म वेलीट पास थी, जो 1961 में रिलीज़ हुई थी।
- लिबी राणा के वास्तविक नाम क्या था?
- लिबी राणा का वास्तविक नाम निवेदिता था।
- लिबी राणा की अंतिम फिल्म कौन सी थी?
- लिबी राणा की अंतिम फिल्म ‘जान’ थी, जो 1996 में रिलीज़ हुई थी।
- लिबी राणा के कितने गाने मशहूर हुए?
- लिबी राणा ने कई गाने गाए, जिनमें से कुछ प्रसिद्ध गाने ‘तुम अपना रंजोगम’, ‘तू ही मेरी ज़िन्दगी’ और ‘100, 100 के नोट पे ना जा’ हैं।
- लिबी राणा क्यों फिल्मों से दूर हो गई?
- कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, लिबी राणा के कुछ बुरे समय आए जिससे वे फिल्मों से दूर हो गईं। इसके अलावा, उनके कुछ निजी मामलों की भी वजह सकती है।
- लिबी राणा के बारे में क्या अधिक जानकारी है?
- लिबी राणा के बारे में अधिक जानकारी के लिए विभिन्न स्रोतों की जांच की जा सकती है, जैसे कि पुराने लेख, इंटरव्यू, या फिल्मी साक्षात्कार।