राजेंद्र कुमार: पुलिस की नौकरी छोड़ बने थे अक्ट। चार दशक तक किया सिनेमा पर राज़। ऐसा अभिनेता को जुबली कुमार के नाम से भी पहचाना जाता है। छोड़ी पुलिस की नौकरी, फिर फिल्मों में दिखाई ऐसे अदाकारी हिट पर हिट देकर बने जुबली कुमार सोशल मीडिया पर आज एक ऐसे ऐक्टर की फोटो सामने आई है, जिसने हिंदी सिनेमा को कई सुपरहिट फिल्मों दी अपने टैलेंट के दम पर। 25 हफ्तों तक थिएटर से नहीं उतरती थी स्टार के फ़िल्म में। हीरो बनने के लिए बेले थे कई पापड और पहले पर्दे पर था राजेंद्र का राज़ जाने फिर जुबली कुमार को क्यों बेचना पड़ा था लकी बंगला?
ये भी की प्यार की खातिर राजेंद्र कुमार संग लड़ बैठी थी नरगिस, फिर उन्हीं को बनाया समधी तो क्या थी पूरी कहानी आइये हम आपको बताते हैं। तो कृपया स्टोरी के अंत तक बने रहे ताकि हम आपको लिजेंडरी ऐक्टर राजेंद्र कुमार के जीवन की अनसुनी कहानी सुना सके।
दोस्तों हिंदी सिनेमा के गोल्डन पीरियड के मंझे हुए कलाकार राजेंद्र कुमार की जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम रहेंगी। राजेंद्र कुमार ऐसे ऐक्टर रहे हैं जिनके फ़िल्म में मौजूदगी ही हिट की गैरॅन्टी हुआ करती थी। जी हाँ, यही कारण था कि हिंदी सिनेमा ने उन्हें जुबली कुमार टाइटल से नवाजा था। फिल्मों के लिए दीवानगी और अक्टिंग में करियर बनाने का सपना लेकर जब राजेंद्र कुमार अपनी पुलिस की नौकरी को छोड़कर मुंबई आए थे तो उन्होंने कई तरह के मुश्किलों का सामना किया, लेकिन फिर एक फ़िल्म ऐसी मिली जिसने राजेंद्र कुमार को जुबली कुमार बना दिया। कैसे राजेंद्र कुमार बने जुबली कुमार।
राजेंद्र कुमार की शुरुआती जिंदगी:
दोस्तों दिग्गज ऐक्टर राजेंद्र कुमार का जन्म 20 जुलाई 1929 को सियालकोट में हुआ था। एक कामयाब कपड़ा व्यापारी के बेटे राजेंद्र को पुलिस की नौकरी भी मिल गई थी, लेकिन राजेंद्र अपनी जिंदगी में कुछ अलग ही सपने देखा करते थे। इसलिए वह पुलिस की नौकरी छोड़कर सपनों के शहर मुंबई आ गए और फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने सफर की शुरुआत की।
राजेंद्र कुमार को मदर इंडिया से मिली सफलता:
एंटरटेनमेंट खबरों की माने तो राजेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन वह डटे रहे और फिर उन्हें 1957 में मिली आइकोनिक फ़िल्म मदर इंडिया। मदर इंडिया में राजेंद्र ने नरगिस के बेटे का किरदार निभाया और इस किरदार ने ऐक्टर के पूरे करियर को बदल डाला। राजेंद्र कुमार की इस फ़िल्म ने मचा दिया था तहलका दोस्तों राजेंद्र को साल 1959 में एक रोमेंटिक हीरो की तरह ब्रेक मिला।
गूंज उठी शहनाई फ़िल्म में ऐक्टर के रोमेंटिक साइड ने लोगों को इम्प्रेस कर दिया। फिर 1960 तक आते आते राजेंद्र की फिल्मों की सक्सेस का कोई तोड़ नहीं बचा। ऐक्टर के फ़िल्म में सिनेमा घरों में लगातार 25 हफ्तों तक लगा करती थी।
राजेंद्र कुमार की लव लाइफ:
लव लाइफ से बटोरी खूब सुर्खियां दोस्तों राजेंद्र कुमार ने फिल्मी करियर के साथ साथ लव लाइफ से भी खूब सुर्खियां बटोरी थी। कहा जाता है कि राजेंद्र का एक समय पर एक्ट्रेस नूतन से खूब नाम जुड़ा था। खबरों की माने तो दोनों ही कलाकारों के परिवार को या रिश्ता मंजूर नहीं था। रिश्ता टूटने के बाद राजेंद्र और नूतन कई सालों तक एक साथ स्क्रीन भी शेयर करते नहीं दिखाई दिए। राजेंद्र ने अपने करियर में 85 फिल्मों में काम किया, जिसमें ढोल के फूल, पतंग, धर्मपुत्र और हमराही जैसे सुपर हिट फिल्मों शामिल रही।
राजेंद्र कुमार को संघर्ष करना पड़ा:
दोस्तों हिंदी सिनेमा जगत में कई ऐसे ऐक्टर्स भी हुए जिन्होंने बिना किसी बैकग्राउंड के होते हुए भी अपने अभिनय के दम पर इंडस्ट्री में अपनी अलग जगह बनाई है। ना सिर्फ अपनी जगह बनाई बल्कि धाक भी जमाई। उनका नाम सिनेमा के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया। फोटो में नजर आ रहे रेखा के पीछे खड़े ऐक्टर भी ऐसा ही एक नाम है। क्या आप इस ऐक्टर को पहचान पा रहे हैं? दोस्तों रेखा के पीछे खड़े आदिवासी वेशभूषा में नजर आ रहे इस अभिनेता के करियर की शुरुआत करने से पहले काफी संघर्ष किया है।
इस अभिनेता ने जहाँ इंडस्ट्री में चार दशक तक बॉलीवुड पर राज़ किया, वही ऐसा दौर भी देखा कि उन्हें अपना बंगला तक बेचना पड़ गया। चार दशकों तक हिंदी सिनेमा में इनका जादू छाया रहा। फ़िल्म मदर इंडिया में अपने किरदार से इन्होंने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई और इनके फँस ने इन्हें एक अलग तरह का नाम भी दिया था। इस ऐक्टर के बेटे ने फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा तो सही, लेकिन पिता जितना नाम नहीं कमा पाए। ₹50 लेकर मुंबई आए थे। राजेंद्र कुमार ₹50 लेकर मुंबई हीरो बनने आए थे।
पहली फ़िल्म के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। गीतकार राजेंद्र कृष्ण की मदद से उनको डेढ़ ₹100 सैलरी पर डाइरेक्टर एच एस रावल के सहायक के तौर पर काम मिला था। दोस्तों उनके करियर के शुरुआती दौर में कई चुनौतियां आई, लेकिन राजेंद्र कुमार डटे रहे। राजेंद्र कुमार को प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट का बहुत शौक था। यही वजह है कि जब उन्होंने अपना मुंबई स्थित एक लकी बंगला बेचा तो उसे राजेश खन्ना ने तुरंत ₹3,00,000 में खरीद लिया था। बाद में राजेश खन्ना ने इसे आशीर्वाद बंगले का नाम दिया जो कि उनके लिए बेहद लकी साबित हुआ था।
दोस्तों सदाबहार फिल्मों के बेहतरीन कलाकार राजेंद्र कुमार आज भले ही इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनके बेहतरीन अभिनय ने उन्हें दर्शकों के दिलों में जिंदा रखा है। राजेंद्र ने अपने चार दशक के करियर में कई सफल फिल्मों दी। साथ ही साथ के दशक में तो एक वक्त ऐसा भी आया जब एक ही समय पर उनकी पांच से छह फिल्मों सिनेमा घरों में रिलीज़ हुई। यही कारण रहा कि इंडस्ट्री में वह जुबली कुमार के नाम से मशहूर हो गए थे।
रिपोर्ट की माने तो राजेंद्र ने जब अपने सपने को सच करने के लिए मुंबई का रुख किया था तो उस वक्त उनके जेब में महज ₹50 थे। ये पैसे राजेंद्र ने अपने पिता की घड़ी बेचकर जुटाए थे। राजेंद्र को गीतकार राजेंद्र कृष्ण का साथ मिला था और उन्होंने डेढ़ ₹100 के वेतन पर निर्देशक एच एस रावल के साथ बतौर सहायक काम किया था।
राजेंद्र को पहली दफा 1950 की फ़िल्म जोगण में देखा गया था, लेकिन उन्हें असली पहचान मिलने में सात वर्ष का लंबा समय लगा था। 1957 में आई फ़िल्म मदर इंडिया ने राजेंद्र कुमार की किस्मत बदल दी। इसमें नरगिस मुख्य भूमिका में थी। वैसे तो मूवी में राजेंद्र का किरदार बेहद छोटा था, लेकिन उन्होंने इसमें जान डाल दी थी। और दर्शकों की तारीफ है बटोरने में कामयाब रहे।
वर्ष 1963 में राजेंद्र फ़िल्म महबूब का हिस्सा बने। यह मूवी पर्दे पर आते ही छा गई और राजेंद्र सुपरस्टार बन गए। इसके बाद ऐक्टर ने जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। राजेंद्र कुमार का टैलेंट ही था, जिससे वह खुद को इंडस्ट्री में साबित कर पाए। और वर्ष 1964, 1965 और 1966 यानी तीन वर्ष तक लगातार फ़िल्म फेयर अवार्ड के बेस्ट ऐक्टर के लिए नॉमिनेट हुए। वर्ष 1969 में ऐक्टर को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। दोस्तों हालांकि 70 के दशक तक आते आते राजेंद्र कुमार का चाँद फीका पड़ने लगा और उनकी जगह राजेश खन्ना ने ले ली।
फिल्मों ना मिलने के कारण राजेंद्र आर्थिक तंगी से जूझने लगे और उन्हें अपना लकी बंगला ऐक्टर राजेश खन्ना को बेचना पड़ा था। वही 12 जुलाई 1999 को राजेंद्र ने आखरी सांस ली। इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया, लेकिन अपने बेहतरीन काम से खुद को अमर कर गए तो दोस्तों उम्मीद करती हूँ आपके स्टोरी पसंद आई हो और अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी तो कमेंट करके जरूर लिखे नमस्कार।
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पूरा ब्लॉग संक्षिप्त में पढ़िए:
1. राजेंद्र कुमार ने बॉलीवुड में अपने अदाकारी के दम पर उन्हें सुपरस्टार की उपाधि हासिल की।
2. उनकी शुरुआती फ़िल्म मदर इंडिया में नरगिस के बेटे का किरदार निभाने से उनका करियर बदल गया।
3. राजेंद्र कुमार ने हिंदी सिनेमा में लगातार 25 हफ्तों तक थिएटर से नहीं उतरती फ़िल्में दी।
4. उनका अदाकारी और अभिनय उन्हें जुबली कुमार के नाम से मशहूर किया गया।
5. राजेंद्र कुमार ने अपने फ़िल्मी करियर में कई शानदार फ़िल्में की, जैसे कि “मदर इंडिया”, “गूंज उठी शहनाई”, “महबूब” और “ढोल के फूल”।
6. राजेंद्र कुमार को 1969 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
7. उनके चार दशकों के करियर में वह कई बार फ़िल्म फेयर अवार्ड के बेस्ट ऐक्टर के लिए नॉमिनेट हुए थे।
8. राजेंद्र कुमार का एक फिल्मी अवधि थी जिसमें उनकी पांच से छह फ़िल्में एक ही समय पर रिलीज़ हुई थीं।
9. उन्होंने अपने करियर के बाद अपना लकी बंगला बेचना पड़ा, जिसे राजेश खन्ना ने खरीद लिया।
संभावित प्रश्नों का उत्तर (FAQ):
1. **राजेंद्र कुमार की जन्मतिथि क्या है?**
राजेंद्र का जन्म 20 जुलाई 1929 को हुआ था।
2. **राजेंद्र कुमार का पूरा नाम क्या है?**
राजेंद्र का पूरा नाम राजेंद्र कुमार टंडन था।
3. **राजेंद्र कुमार ने कितनी फिल्में की?**
राजेंद्र ने अपने करियर में करीब 85 फिल्मों में काम किया।
4. **राजेंद्र कुमार को किस सम्मान से सम्मानित किया गया था?**
राजेंद्र को वर्ष 1969 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
5. **राजेंद्र कुमार की पहली सफल फिल्म कौन सी थी?**
राजेंद्र की पहली सफल फिल्म मदर इंडिया थी, जिसमें वह नरगिस के बेटे का किरदार निभाते थे।
6. **राजेंद्र कुमार की लव लाइफ की कुछ जानकारी दें।**
राजेंद्र कुमार की जीवनी में कहा जाता है कि उनका एक समय पर एक्ट्रेस नूतन से खूब नाम जुड़ा था।
7. **राजेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत कैसे की थी?**
राजेंद्र कुमार ने अपने करियर की शुरुआत में काफी संघर्ष किया था, और उन्होंने महज ₹50 लेकर मुंबई आकर फिल्म इंडस्ट्री में काम शुरू किया था।
8. **राजेंद्र को किस नाम से भी जाना जाता है?**
राजेंद्र कुमार को हिंदी सिनेमा में जुबली कुमार के नाम से भी पहचाना जाता है।
9. **राजेंद्र की किस फिल्म ने उन्हें सबसे अधिक प्रसिद्धि दी?**
राजेंद्र कुमार की फिल्म मदर इंडिया ने उन्हें सबसे अधिक प्रसिद्धि दी और उन्हें हिंदी सिनेमा में अलग पहचान दिलाई।
10. **राजेंद्र की मौत कब हुई?**
राजेंद्र कुमार की मृत्यु 12 जुलाई 1999 को हुई थी।