आफताब शिवदासानी: हीरोइन की खूबसूरती पर भारी पडने वाले इस हैंडसम अभिनेता का कैरियर किसने बर्बाद किया !

आफताब शिवदासानी: बॉलीवुड के एक ऐसे चॉकलेटी अभिनेता जिनकी खूबसूरती उनके को एक्ट्रेसेस पर भारी पड़ती थी। चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर अमिताभ बच्चन, श्रीदेवी और अनिल कपूर के साथ स्क्रीन शेयर करने वाले कलाकार जिनकी क्यूटनेस पर लाखों हसीनाएं फिदा हुआ करती थी। लेकिन क्या आप जानते हैं? कपूर खानदान से रिश्ता होने के बावजूद ये ऐक्टर हमेशा स्ट्रगल करते रहे और आखिरकार बॉलीवुड ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।

क्या आपको पता है कि लीड रोल की तलाश में 50 से ज्यादा फिल्मों करने के बावजूद इनकी पहचान सिर्फ एक सपोर्टिंग ऐक्टर की बनकर रह गई और क्या आप यकीन करेंगे कि झूठे इश्क में पढ़कर ये ऐक्टर प्रोड्यूसर बन गए और ड्रग्स लेने के आरोपों ने इनका करियर खत्म कर दिया। तो कौन थे ये अभिनेता और क्यों इतनी उतार चढ़ाव भरी रही इनकी जिंदगी, बताएंगे इनकी जिंदगी से जुड़े और भी कई अनसुने किस्से आप बने रही है हमारे साथ।

नमस्कार दोस्तों, तो आज के ब्लोग में हम बात कर रहे हैं ऐक्टर आफताब शिव दासानी की जो एक समय में डिनो मौर्या और जॉन अब्राहम ऐक्टर्स के कॉम्पिटिटर माने जाते थे और चॉकलेटी बॉय के नाम से मशहूर हो गए थे।

आफताब शिवदासानी की शुरुआती जिंदगी:

आफताब शिवदासानी
आफताब शिवदासानी

लेकिन इससे पहले की इनके करियर, फिल्मोग्राफी और कंट्रोवर्सी की चर्चा करे। चलिए जानते है की आफताब ने शुरुवात कहा से की आफताब शिवदासानी का जन्म सिंधी पिता और इरानी माँ के घर 25 जून 1978 को मुंबई में हुआ था। आफताब बचपन से ही काफी क्यूट थे और शायद यही वजह रही की नन्हे आफताब के पास टीवी कमर्षियल्स की लाइन लगी रहती थी। महज़ 14 माह की उम्र में ही आफताब ने अपने क्यूटनेस के लिए फेरेक्स बेबी ऑफ़ दी ईयर अवार्ड भी अपने नाम कर लिया था।

आफताब की स्कूलिंग मुंबई के सेंट जेवियर्स स्कूल से हुई थी और इन्होंने अपना ग्रेजुएशन मुंबई के ही एच आर कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स से पूरा किया था। कॉलेज में आने से पहले आफताब करीब 350 टी वी कॉमर्सल में काम कर चूके थे और बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट बॉलीवुड में इनकी एंट्री भी हो चुकी थी। एस ए चाइल्ड आर्टिस्ट आफताब को पहली बार अनिल कपूर और श्रीदेवी स्टारर फ़िल्म 1987 में आई मिस्टर इंडिया में काम करने का मौका मिला। फ़िल्म सुपरहिट रही और नन्हें आफताब को भी नोटिस किया गया।

मिस्टर इंडिया के बाद आफताब ने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में ही कुछ और सुपर हिट फिल्मों में काम किया, जिनमें 1988 में आई फ़िल्म शहंशाह 1989 में आई चालबाज 1919 में आई अव्वल नंबर और सी आई डी और 1994 में आई फ़िल्म इंसानियत शामिल रही। इन सभी रोल्स में आफताब के अभिनय को पसंद किया गया। हालांकि फ़िल्म शहनशाह में इनके अभिनय ने डायरेक्टर्स और क्रिटिक्स का ध्यान भी अपनी और खींचा। फ़िल्म में इन्होंने सुपरस्टार अमिताभ बच्चन के बचपन का रोल यानी इंस्पेक्टर विजय कुमार श्रीवास्तव के बचपन की भूमिका निभाई थी, जिसे खूब पसंद किया गया।

आफताब शिवदासानी को पहली फिल्म कैसे मिली:

आफताब शिवदासानी
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कॉलेज पास करने के बाद आफताब को काम की तलाश थी और उन्हीं दिनों फ़िल्म डाइरेक्टर राम गोपाल वर्मा अपनी फ़िल्म मस्त के लिए उर्मिला के अगेंस्ट किसी फ्रेश चेहरे की तलाश में थे। 40 एस्पायरिंग ऐक्टर्स का ऑडिशन लेने के बावजूद जब राम गोपाल वर्मा को कोई पसंद नहीं आया तब फ़िल्म की हीरोइन उर्मिला मातोंडकर की बहन ने डाइरेक्टर साहब को आफताब के कुछ कमर्षियल्स दिखाए और इनका नाम सजेस्ट किया। राम गोपाल वर्मा ने भी बिना देर के आफताब को ऑडिशन के लिए बुला लिया। आफताब ने अपने एक इंटरव्यू में खुद बताया था की राम गोपाल वर्मा ने उन्हें कॉल करके 1 घंटे के अंदर मिलने को कहा था।

आफताब के पहुंचने पर राम गोपाल वर्मा ने उन्हें एक सीन समझाया और परफॉर्म करने को कहा। आफताब की परफॉरमेंस देखने के अगले दिन ही राम गोपाल वर्मा आफताब के घर पहुंचे और कहा कि तुम मेरी अगली फ़िल्म मस्त के हीरो रहोगे। 1999 में आई फ़िल्म मस्त बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं कर सकी, लेकिन इसके गाने हिट रहे और आफताब की अक्टिंग को भी खूब पसंद किया गया। फ़िल्म में अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए आफताब ने बेस्ट डेब्यू ऐक्टर का ज़ी सीने और स्टार स्क्रीन अवार्ड भी अपने नाम किया था।

इसके बाद इन्हें 2001 में आई विक्रम भट्ट डाइरेक्टर फ़िल्म कसूर में काम करने का मौका मिला। फ़िल्म में आफताब नेगेटिव रोल में नज़र आये जिसे दर्शकों से लेकर क्रिटिक्स ने भी खूब सराहा और आफताब ने बेस्ट ऐक्टर इन नेगेटिव रोल का ज़ी सिने अवार्ड भी अपने नाम किया।

आफताब शिवदासानी ने इतनी फिल्मों में काम किया:

आफताब शिवदासानी
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आफताब के अच्छे प्रदर्शन की बदौलत इनके पास ढेर सारी फिल्मों के ऑफर्स आ गए। हालांकि ये सभी मल्टी स्टारर फिल्मों थी जैसे 2001 में आई प्यार, इश्क और मोहब्बत 2002 में आई क्या यही प्यार है, आवारा, पागल, दीवाना, जानी दुश्मन और प्यासा 2003 में आई डरना मना है, हंगामा और फुटपाथ और 2004 में आई मुस्कान और मस्ती। इनमे से ज्यादातर फिल्मों में आफताब के रोल्स एक जैसे ही थे और उन्हें वर्सेटाइल अक्टिंग का मौका नहीं मिल रहा था, हालांकि फ़िल्म मस्ती में इनकी कॉमेडी और डायलॉग डेलिवरी को पसंद किया गया, लेकिन साथ ही इसे एक फूहड़ फ़िल्म भी कहा गया।

मस्ती के बाद 2005 से 2019 के बीच भी आफताब को सिमिलर रोल से मिल रहे थे, जिनमें ज्यादातर फिल्में मल्टी स्टारर ही रहीं। जैसे 2005 में आई दीवाने हुए पागल। 2006 में आई शादी से पहले और अनकही 2008 में आई दे ताली और मनी है तो हनी है 2009 में आई आलू चाट, डॅडी कूल और कमबख्त इश्क 2012 में आई प्लेयर्स और 1922 दी एविल रिटर्न्स और 2013 में आई ग्रैंड मस्ती। 2016 में आई क्या कूल है हम थ्री और ग्रेट ग्रैंड मस्ती और 2019 में आई फ़िल्म सेटर्स। इसके बाद आप सब कुछ रीजनल फिल्मों और पॉइज़न टू और स्पेशल ऑप्श 1.5 जैसी कुछ वेब सीरीज में भी नजर आए।

आफताब शिवदासानी का करियर खत्म कैसे हुआ?:

आफताब शिवदासानी
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आफताब ने कई फिल्मों में काम किया लेकिन कहा जाता है कि इन्होंने अपने रोल्स को लेकर कोई एक्स्पेरमेन्ट नहीं किया और मल्टी स्टारर फिल्मों में सिर्फ एक तरह के रोल्स ही करते रहे और शायद यही वजह रही कि फिल्मों में इनके होने या नहीं होने से दर्शकों को भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ा और धीरे धीरे इन्हें वो फिल्मों भी मिलनी बंद हो गई।

साथ ही जानकारों का ये भी कहना था की आफताब ने फिल्मों के सेलेक्शन में इतनी ज्यादा गलतियाँ की कि आखिरकार इन्हें एक नॉन सीरियस ऐक्टर मान लिया गया जिसे फ़िल्म की स्क्रिप्ट या उसमें अपने किरदार से कोई मतलब नहीं रहा। जो मिला उसे साइन करते गए, जिसमें इन्हें सबसे ज्यादा नुकसान उन कॉमेडी फिल्मों से हुआ जो बेहद फूहड़ और अश्लील डायलॉग से भरी रही।

आफताब शिवदासानी पर्सनल लाइफ:

आफताब शिवदासानी
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खैर आफताब की पर्सनल लाइफ की बात करे तो 2009 में आई फ़िल्म आलू चाट में काम करने के दौरान इनकी मुलाकात फ़िल्म में काम कर रही अभिनेत्री आमना शरीफ से हुई फ़िल्म तो बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुँह गिरी लेकिन आफताब और अमीना का प्यार परवान चढ़ गया।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आफताब अमीना के प्यार में इस कदर पागल हुए कि उन्हें हीरोइन के तौर पर बॉलीवुड में एस्टाब्लिश करवाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया और जब फिर भी सफलता नहीं मिली तो आमना के लिए खुद ही फ़िल्म प्रोड्यूस कर डाली। ये कॉमेडी फ़िल्म थी 2009 में आई आओ विश करें, लेकिन फ़िल्म फ्लॉप हो गई और आफताब और अमीना का रिश्ता भी कुछ कड़वे अनुभवों की भेंट चढ़ गया।

आफताब को दूसरी बार प्यार तब हुआ जब वो एक बुक स्टोर के उद्घाटन में गए थे। आफताब लोगों को एड्रेस कर रहे थे जहाँ मॉडल नींन दोसांझ फर्स्ट लाइन में बैठी आफताब को सुन रही थी। जब आफताब की नजर नीन पर पड़ी तो नींद को देखते ही रह गए। लव ऐट फर्स्ट साइड का शिकार हुए आफताब ने बिना वक्त गंवाए इस मुलाकात के तीन हफ्तों के भीतर ही नीन को शादी के लिए प्रोपोज़ कर दिया और नीन ने भी हाँ कर दी। नीन दुसांज लंदन बेस पंजाबी मोडल रही थी जो होंग कॉन्ग में लक्ज़री ब्रांड अड्वर्टाइज़िंग में काम करती थी।

कुछ समय की डेटिंग के बाद 2012 में दोनों ने सगाई करली और फिर 2014 में शादी लेकिन ये शादी सिर्फ परिवार वालों की मौजूदगी में हुई थी। हालांकि 2017 में एक बार फिर धूम धाम और रीती रिवाजों से दोनों ने शादी की, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई रही। आफताब और नींद की जोड़ी बॉलीवुड के सबसे क्यूट कपल लिस्ट में शुमार की जाती हैं। शादी के 6 साल बाद 2020 में लंडन में इस कपल के घर एक बेटी ने जन्म लिया, जिसका नाम नव्या रखा गया।

आफताब शिवदासानी के पारिवारिक रिश्ते:

आफताब शिवदासानी
आफताब शिवदासानी

बता दें कि आफताब की पत्नी नीन की बड़ी बहन परवीन दुसांज की शादी एक्टर कबीर बेदी से हुई है। जीस लिहाज से आफताब और कबीर साड़ू भाई लगते हैं। बात करें कपूर खानदान से इनके रिश्ते की तो कम लोगों को ही पता है कि साधना के पिता और एक्ट्रेस बबीता के पिता हरी शिव दासानी सगे भाई थे। तो वही साधना शिवदासानी रिश्ते में एक्ट्रेस करिश्मा और करीना कपूर की मासी लगती थी और आफताब शिवदसानी एक्ट्रेस बबीता के भतीजे इस लिहाज से आफताब शिवदसानी, करिश्मा और करीना कपूर के ममेरे भाई लगते हैं।

आफताब शिवदासानी कंट्रोवर्सी:

आफताब शिवदासानी

आफताब से जुड़ी कंट्रोवर्सीस की बात करें तो 2005 में एक ऐसी खबर आई कि आफताब शिवदासानी को पुणे के क्लब में निशिली दवाओं के सेवन के मामले में पकड़ा गया है। क्लब मनेजमेंट का कहना था कि आफताब क्लब में बैठे दवाओं का सेवन कर रहे थे और जब क्लब के मैनेजर ने उन्हें वहाँ से जाने को कहा तो वो भड़क गए और मैनेजर को थप्पड़ जड़ दिया और जब क्लब मैनेजर ने आफताब के खिलाफ़ कंप्लेंट की तो आफताब अपने पोलिटिकल कनेक्शन का इस्तेमाल कर उस क्लब का लाइसेंस कैंसिल करवाने का प्रयास करने लगे, आफताब से पूछे जाने पर उन्होंने ऐसी किसी भी घटना से इनकार कर दिया था।

खैर, आफताब ने एक इंटरव्यू में खुद बताया था कि “एक बार जब पैसा आने लगा तो उन्होंने पहले अपनी जरूरतों को पूरा किया, फिर गाड़ी ली, घर लिया। लेकिन इसके बाद उन्होंने ऐसी चीजों में पैसे खर्च करने शुरू कर दिए जहाँ पर कोई जरूरत नहीं थी।”

यानी आफताब शिवदासानी ने पैसों की वैल्यू नहीं समझी और यहीं से उनके करियर का डाउनफॉल भी शुरू हो गया था। बात चाहे करियर की हो या निजी जिंदगी की, ढेरों उतार चढ़ाव देखने के बावजूद आफताब ने कभी हार नहीं मानी और हर बार वापसी का प्रयास किया। भले ही आफताब का फिल्मी करियर कुछ खास नहीं रहा लेकिन प्रोडक्शन हॉउस और इवेंट्स के जरिए ये आज भी अच्छी कमाई कर लेते हैं। आफताब अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहते हैं और काम में खुद को बीज़ी रखते हैं। आफताब को उनके अपकमिंग प्रोजेक्ट्स के लिए ढेरों शुभकामनाएं।

तो दोस्तों आपको आज का हमारा ब्लाग कैसा लगा? हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। साथ ही अगर आपके पास भी आफताब शिवदासानी से जुड़ी कोई इंटरेस्टिंग जानकारी हो तो वो भी हमारे साथ जरूर शेयर करें। बॉलीवुड के किसी बेबाक स्टोरी के साथ अगले ब्लॉग में आपसे फिर होगी मुलाकात।

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