जीस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की, उसने कभी भी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की। ऐसा कहना है विश्व के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्री अल्बर्ट आइंस्टीन का। जिन्होंने हमारे युग को इतना विकसित और डिजिटल बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह अपने सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण के लिए विख्यात है।
इस फ़ॉर्मूला का उपयोग मुख्यतः एटॉमिक बम बनाने में किया जाता है। जिसके लिए उन्हें फिजिक्स के नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। दोस्तों, आइए हम उनके बचपन में चलकर उन्हें अच्छे से जानने की कोशिश करते हैं।
जानकारी | विवरण |
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जन्म | 14 मार्च 1879, उल्म, वुर्ट्टनबर्ग, जर्मन साम्राज्य |
मौत | 18 अप्रैल 1955 (उम्र 76), प्रिंस्टन, न्यू जर्सी, संयुक्त राज्य |
आवास | जर्मनी, इटली, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया (वर्तमान चेक गणराज्य), बेल्जियम, संयुक्त राज्य |
जाति | यहूदी |
नागरिकता | वुर्ट्टनबर्ग/जर्मनी (1879–1896), राज्यविहीन (1896–1901), स्विट्जरलैंड (1901–1955), ऑस्ट्रिया (1911–1912), जर्मनी (1914–1933), संयुक्त राज्य अमेरिका (1940–1955) |
शिक्षा की जगह | ईटीएच ज्यूरिख, ज्यूरिख विश्वविद्यालय |
प्रसिद्धि का कारण | सापेक्षता और विशिष्ट आपेक्षिकता, प्रकाश वैद्युत प्रभाव, द्रव्यमान-ऊर्जा-समतुल्यता, ब्राउनियन गति |
जीवनसाथी | मिलेवा मेरिक (1903–1919), एलसा आइन्स्टाइन (1919–1936) |
बच्चे | Lieserl Marić, हैंश अल्बर्ट आइंस्टीन, Eduard Einstein |
पुरस्कार | भौतिकी का नोबेल पुरस्कार (1921), मेट्यूक्सी पदक (1921), कोप्ले पदक (1925), मैक्स प्लैंक पदक (1929), टाइम सदी के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति (1999) |
अल्बर्ट आइंस्टीन का शुरूआती जीवन:
आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के योम शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था, जो की एक इंजीनियर और सेल्समैन थे। जब आइंस्टीन पैदा हुए थे, उस समय उनका सर उनकी शरीर के हिसाब से काफी बड़ा था। शुरू से ही वह अन्य छोटे बच्चों से अलग थे। वह छोटे बच्चों की तरह बिल्कुल भी शरारते नहीं किया करते और एकदम शांत तरीके से रहते थे।
दोस्तों बच्चे पैदा होने के बाद अक्सर एक या फिर डेढ़ साल में बोलना शुरू कर देते हैं। लेकिन उन्होंने बोलने में 4 साल लगा दिया था। और करीब 9 साल तक अच्छे से नहीं बोल पाते थे, जिससे उनके माता पिता को उनके भविष्य की चिंता होने लगी थी। आइंस्टीन को अपने उम्र के बच्चों के साथ खेलना भी बिल्कुल पसंद नहीं था।
उन्होंने अपनी कही अलग ही दुनिया बना रखी थी। उन्हें हमेशा संडे का इंतजार रहता था क्योंकि उनके पापा उन्हें हर संडे किसी शांत जगह पर घूमाने ले जाते थे और वहाँ बैठकर आइंस्टीन, पेड़ पौधों और इस ब्रह्मांड के बारे में सोचते रहते थे। उनके मन में हमेशा यह बात रहती थी कि आखिर ये दुनिया चलती कैसे है?
अल्बर्ट आइंस्टीन का शैक्षणिक जीवन:
अपनी शारीरिक कमियों और ना बोल पाने की वजह से उन्होंने स्कूल जाना बहुत लेट स्टार्ट किया। उन्हें स्कूल एक जेल की तरह लगता था। उनका मानना था कि स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ कोई भी आजाद नहीं है। इस सोच के पीछे एक कारण भी था। वह अपने टीचर्स की बताई हुई बातों को आसानी से एक्सेप्ट नहीं करते थे।
क्योंकि उन्हें लगता था कि टीचर्स द्वारा पढ़ाई हुई चीजें अभी भी अधूरी है और इसीलिए वे उनसे बहुत अजीब अजीब से क्रॉस क्वेश्चन्स किया करते थे, जिसकी वजह से टीचर्स भी उनसे बहुत चिड़े हुए रहते थे।
और आइंस्टीन को उन्होंने मंदबुद्धि भी कहना शुरू कर दिया था। बार बार मंदबुद्धि कहने के कारण आइंस्टीन को एहसास होने लगा कि मेरी बुद्धि अभी विकसित नहीं हुई है और एक बार बात बात में उन्होंने अपने एक टीचर से पूछा कि सर मैं अपनी बुद्धि का विकास कैसे कर सकता हूँ? टीचर ने एक लाइन में कहा अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है। टीचर की उन बातों को आइंस्टाइन ने अपने दिमाग में बिठा लिया और एक दृढ़ निश्चय किया कि अभ्यास के बल पर मैं 1 दिन सबसे आगे बढ़कर दिखाऊंगा।
अल्बर्ट आइंस्टीन की अद्भुत खोज:
उसके बाद से तो मानो उनकी जिंदगी बदल गई और अपने कठिन परिश्रम और अभ्यास के मदद से उन्होंने मैथ और फिजिक्स में महारत हासिल कर लिया। जिसके बाद उन्होंने बहुत सारे अद्भुत खोज किए। जैसे सापेचता के सिद्धांत, द्रव्यमान, ऊर्जा, गति, प्रकाश के उसमें गुण और भी बहुत ।
घर बैठे हमें इंटरनेट के द्वारा जो जानकारियां प्राप्त हो रही हैं, उन सभी आविष्कारो में भी अल्बर्ट आइंस्टीन का महान योगदान है। उन्होंने दिखा दिया कि एक मंदबुद्धि व्यक्ति भी मेहनत, हिम्मत और लगन के बल पर इस संसार में कुछ भी कर सकता है। अल्बर्ट आइंस्टाइन अपने दिमाग में ही पूरी रिसर्च को सोचकर पूरा प्लान तैयार कर लेते थे जो की उनके लॅबोरेटरी प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था।
आइंस्टीन का दिमाग किसने चुरा लिया:
अल्बर्ट आइंस्टीन को इजराइल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव भी दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे विनम्रतापूर्वक मना कर दिया। अमेरिकी सरकार आइंस्टाइन के टैलेंट से इतना डर गई थी कि उनके पीछे अपना जासूस लगाकर रखी थी ताकि उनके रिसर्च का कोई गलत प्रयोग ना हो सके, जो कि देश के लिए हानिकारक हो।
यहाँ तक कि एक पैथोलॉजिस्ट ने आइंस्टीन के 100 परीक्षण के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था ताकि वह उनके बुद्धिजीवी होने का पता लगा सके। आइंस्टीन ने मानवता की भलाई और मनुष्य का जीवन अधिक सफल बनाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया और 18 अप्रैल 1955 को 76 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):
प्रश्न 1: अल्बर्ट आइंस्टीन कौन थे?
उत्तर: अल्बर्ट आइंस्टीन एक सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक और भौतिक शास्त्री थे, जो अपने सापेक्षता के सिद्धांत और द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के योम शहर में हुआ था।
प्रश्न 2: आइंस्टीन के किस सिद्धांत ने उन्हें प्रसिद्ध किया?
उत्तर: आइंस्टीन अपने सापेक्षता के सिद्धांत (Theory of Relativity) और द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण (E = mc²) के लिए प्रसिद्ध हुए।
प्रश्न 3: आइंस्टीन को नोबल पुरस्कार कब और किसके लिए मिला?
उत्तर: अल्बर्ट आइंस्टीन को 1921 में फिजिक्स के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, उनके फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव की व्याख्या के लिए।
प्रश्न 4: आइंस्टीन का बचपन कैसा था?
उत्तर: आइंस्टीन का बचपन अन्य बच्चों से अलग था। उन्होंने चार साल की उम्र तक बोलना शुरू नहीं किया और नौ साल की उम्र तक स्पष्ट रूप से बोल नहीं पाते थे। वे शांत स्वभाव के थे और हमेशा वैज्ञानिक प्रश्नों में डूबे रहते थे।
प्रश्न 5: आइंस्टीन का शैक्षणिक जीवन कैसा था?
उत्तर: आइंस्टीन को स्कूल एक जेल की तरह लगता था और वे अपने शिक्षकों द्वारा पढ़ाई हुई चीजों को आसानी से स्वीकार नहीं करते थे। वे अक्सर शिक्षकों से कठिन प्रश्न पूछते थे, जिससे उन्हें मंदबुद्धि कहा जाता था।
प्रश्न 6: आइंस्टीन ने किन प्रमुख खोजों का योगदान दिया?
उत्तर: आइंस्टीन ने सापेक्षता के सिद्धांत, द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण, प्रकाश के गुणधर्म, और कई अन्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजों में योगदान दिया।
प्रश्न 7: क्या आइंस्टीन को कभी राष्ट्रपति बनने का प्रस्ताव मिला था?
उत्तर: हाँ, आइंस्टीन को इजराइल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने इसे विनम्रतापूर्वक मना कर दिया था।
प्रश्न 8: आइंस्टीन की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: अल्बर्ट आइंस्टीन का निधन 18 अप्रैल 1955 को 76 वर्ष की उम्र में हुआ।
प्रश्न 9: क्या आइंस्टीन के दिमाग पर कोई अध्ययन हुआ था?
उत्तर: हाँ, आइंस्टीन की मृत्यु के बाद, एक पैथोलॉजिस्ट ने उनके दिमाग का अध्ययन करने के लिए उसे चुरा लिया था ताकि उनके बुद्धिजीवी होने का कारण पता चल सके।