अलका: एक ऐसी अदाकारा जिसने बॉलीवुड में कदम रखते ही बड़ी-बड़ी अभिनेत्रीयों को बुखार आ गया। Alka Bollywood Old Actress Biography.  

अलका: एक ऐसी अभिनेत्री जिसमे बहुत कम समय में अपनी ख़ास पहचान बनाकर सब कुछ औका दिया था।   वो अपने मासूम चेहरे पर दिलकश हेयर स्टाइल से सबको दीवाना बना देती थी। एक ऐसी अदाकारा इनकी बॉलीवुड में कदम रखते ही उस वक्त की बड़ी बड़ी अभिनेत्रियों को बुखार चढ़ने लग गया था। लेकिन क्या आप सोच सकते है की कई सुपरहिट फिल्मों देने के बावजूद उन्हें कभी फ़िल्म इंडस्ट्री या इससे जुड़ी किसी संस्था ने उसे कोई पुरस्कार या सम्मान तक नहीं दिया। 

लेकिन क्या आप जानते? हैं, इतनी खूबसूरत और टैलेंटेड होने के बावजूद वो उस मुकाम तक नहीं पहुँच सकी जिसकी वो हकदार थी। और क्या आप यकीन करेंगे कि उन्होंने अपने फिल्मी सफर के उस दौर में जब वो बतौर अभिनेत्री स्थापित हो चुकी थी, अचानक फिल्मों से संन्यास ले लिया था। आखिर कौन थी यह अदाकारा की उन्होंने अचानक फिल्मों में काम करना बंद कर दिया और क्यों देश छोड़कर चली गई जानेंगे और भी बहुत कुछ बस बने रहे इस ब्लॉग के अंत तक। 

अलका की फिल्मी करियर की शुरुआत कैसे हुई?:

अलका
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तो दोस्तों नमस्कार, आज हम जीस अभिनेत्री के बारे में बात करने जा रहे हैं, उनको फ़िल्म इंडस्ट्री में बहुत कम लोग ही जानते हैं। उनको ना जानने की वजह यह भी है कि उन्होंने अपने फिल्मी करियर में ज्यादा फिल्मों में काम नहीं किया और जल्दी ही फिल्मों से बाहर चली। इनका फिल्मी नाम अलका था। मगर कहा जाता है की फिल्मों में आने से पहले उन्हें लोग फिरदौस नाम से जानते थे। हालांकि हाल के दिनों में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनका वास्तविक नाम उषा था। अलका ने 60 और 70 के दशक में बहुत से फिल्मों में काम किया।

उनका मासूम सा दिखने वाला चेहरा और अभिनय की कला को दर्शकों ने बहुत पसंद किया। इस अभिनेत्री के जन्म और माता पिता के बारे में किसी मैगजीन या वह पोर्टल पर कोई जानकारी नहीं मिलती इनके फिल्मी सफर की शुरुआत साल 1958 की फ़िल्म हर संसार से हुई थी, जिसमें उन्होंने एक छोटा सा रोल किया था फ़िल्म में जानी मानी  अभिनेत्री नरगिस बलराज साहनी और राजेंद्र कुमार लीड रोल में थे, जबकि इसके निर्देशक बी एम व्यास थे।

साल 1963 में अलका दूसरी फ़िल्म हम राही में नजर आईं, जिसका निर्देशन। टी प्रकाश राव ने किया था और फ़िल्म में राजेंद्र कुमार महमूद और ललिता पवार ने काम किया था, लेकिन इस फ़िल्म में भी उनका रोल बहुत कम था।

अलका को लीड रोल मीला:

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इसके बाद आया साल 1969 जिसमें अलका को हीरोइन बनने का मौका मिला सत्यन बोस की फ़िल्म वापस में। फ़िल्म के हीरो थे अजय वीरकर और अन्य कलाकारों के जानकीदास, सत्यजीत व लीला मिश्रा आदि शामिल थे। इस फ़िल्म को दर्शकों में बहुत लोकप्रियता तो हासिल नहीं हुई, लेकिन अलका और अजय पर फिल्माई गए गाने बेहद लोकप्रिय हुए। 

अलका के कइ गाने हिट रहें:

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लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत निर्देशन में मजरू सुल्तानपुरी का लिखे इस गीत को दो बार फ़िल्म दिखाया गया है। एक नॉर्मल वर्शन और दूसरा सैड वर्शन। इस गाने को महमूद, रफ़ी और लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली आवाज में गाया था। उसी साल अशोक कुमार ने अपने होम प्रोडक्शन की फ़िल्म आंसू बन गए फूल में निर्देशक के तौर पर सतेन बोस को लिया तो उनकी सलाह पर युवा हीरो मुखर्जी के ऑपोजिट अलका को रखा। इस फ़िल्म का एक और गाना इन दोनों पे फिल्माया गया था जिसके बोल थे ये दिल सदा धड़का किया जिसके लिए वो रात आ गई।  

हालांकि उसी साल वो प्रह्लाद शर्मा निर्देशित फ़िल्म प्यार और यश चोपड़ा की फ़िल्म इत्तफाक में भी नजर आई थी, लेकिन उनमें उनकी भूमिकाएं बहुत छोटी छोटी थी। आंसू बन गए फूल फ़िल्म की सफलता के बाद अलका एक अभिनेत्री के तौर पर पहचानी जाने लगी। साल 1970 में अलका की दो फिल्मों रिलीज़ हुई, एक खिलौना और दूसरी इंस्पेक्टर। खिलौना में उन्होंने संजीव कुमार और मुमताज़ जैसे कलाकारों के साथ काम किया। इस फ़िल्म के गाने भी हिट रहे, जिन्हें आज भी सुना जाता है।

फ़िल्म इंस्पेक्टर में उन्होंने लीड रोल निभाया था और फ़िल्म के हीरो जॉय मुखर्जी के साथ फ़िल्माया एक गाना बहुत लोकप्रिय हुआ था, जिसके बोल थे बुरा तुम ना मानो। इस गीत को शमशुल खुदा बिहारी ने लिखा था और संगीत में सजाया था दत्ता नायक ने मोहम्मद रफ़ी और आशा भोसले की आवाज में यह गाना काफी पसंद किया। इस तरह उन्हें कुछ फिल्मों में मुख्य नायिका के तौर पर देखा गया था। साल 1972 में इनकी तीन फिल्मों आई जिनमें से दो फिल्मों ये साइड रोल में दिखाई दी जैसे राजश्री प्रोडक्शन के फ़िल्म पिया का घर जिसमे अनिल धवन और जया भादरी ने काम किया था।

दूसरी फ़िल्म थी जोरू का गुलाम जिसमें सुपरस्टार राजेश खन्ना और अभिनेत्री नंदा ने काम किया था। इसी साल वो एक और फ़िल्म में नजर आई जिसका नाम था सा रे गा मा पा। इस फ़िल्म को उन्हीं सतेन बोस ने निर्देशित किया था जिन्होंने पहली बार उन्हें बतौर हीरोइन दो फिल्मों में उतारा था। हालांकि इस फ़िल्म में अलका साइड रोल में दिखाई दी थी। 70 के दशक में इन्होंने फिल्मों में चरित्र भूमिका निभानी शुरू कर दी।

साल 1973 में उन्होंने दो फिल्मों में काम किया। रामानंद सागर की फ़िल्म जलते बदन में कुमकुम और किरण कुमार के साथ में और इनकी दूसरी फ़िल्म चालाक थी, जिसमें ये किरण कुमार, राधा सलूजा के साथ मुख्य भूमिका में नजर आई। इस फ़िल्म में एक गाना भी इनके ऊपर फ़िल्माया गया जीसको दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया। इस गाने को हसरत जयपुरी ने लिखा था और सुमन कल्याणपुर ने अपनी आवाज में गाया था। साल 1974 उनके लिए एक बार फिर सफलता ले करके आई। इस साल वो छह फिल्मों में नज़र आई। 

इस साल उनकी मुख्य भूमिका वाली फ़िल्म हिट भी हुई, जिसका नाम था ठोकर।  इस फ़िल्म में अलका नहीं, बलदेव खोसला और शिव कुमार के साथ काम किया। इस फ़िल्म में इन्हें दोनों के साथ गानों में दिखाया गया। फ़िल्म के सभी गाने हिट हुए। 1974 में ही रिलीज़ हुई शानदार में वो नजर आई संजीव कुमार और शर्मिला टैगोर के साथ शांता के तौर पर। उसी साल ऐंटी कोठारी के प्रोडक्शन के सुपरहिट फ़िल्म फ़िल्म खोटे सिक्के में भी वो नज़र आई रीटा के रोल में। 

इस फ़िल्म में अन्य कलाकारों के तौर पर फिरोज खान, रिहाना सुल्ताना और डैनी डीजोंगपा जैसे कलाकार शामिल थे। उसी साल वो फ़िल्म दो चट्टानें और फ़िल्म फासला में छोटी छोटी भूमिका में नजर आई। इसी साल की फ़िल्म बदला में उन्हें शत्रुघंसन हाँ और मौसमी चटर्जी के साथ। काम करने का मौका मिला।

अलका की एक फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने के बाद रीलीज हुई:

अलका
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1974 में ही अलका एक और फ़िल्म प्यार से दिल से बतौर मुख्या अभिनेत्री जुड़ी फ़िल्म में मुख्य भूमिका होने का भी उन्हें कोई फायदा नहीं मिला क्योंकि दुर्भाग्यवश यह सेंसर बोर्ड के प्रीव्यू में फंस गई और इसे रिलीज़ होने में 8 साल लग गए। और तब तक वो इंडस्ट्री छोड़ चुकी थी।

अलका ने कई फिल्मों में काम किया:

अलका
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साल 1972 में रिलीज़ हुई इस फ़िल्म में अलका अज़ीज़ मिर्जा यश टंडन के साथ लीड रोल में नजर आई थी। साल 1975 में भी अलका नौ फिल्मों में नज़र आई। एयरकारदार की फ़िल्म मेरे सरताज में उन्होंने सतीश कौल और जहीर के साथ अभिनय किया। फ़िल्म धर्म काटा जैसी कई फिल्मों में उन्हें छोटे रोल में देखा जाने लगा था। अलका को ए ग्रेड फिल्मों में केवल चरित्र भूमिका ही मिल पा रही थी, लेकिन इस साल भी उन्हें लीड रोल वाली एक फ़िल्म मिली जिसका नाम था अंगारे। गोविन्द सरैया के निर्देश में बनी यह फ़िल्म संजीव कुमार, राखी और धीरज कुमार जैसे कलाकारों के साथ रिलीज़ हुई थी।

हालांकि इसका भी अलका के करियर को कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि यह फ़िल्म फ्लॉप साबित हुई। इसके बाद 1976 में उन्होंने पांच फिल्मों में काम किया, जिनमें से कुछ के नाम है निर्देशक प्रकाश मेहरा की फ़िल्म खलीफा, शशि कपूर और नीतू सिंह के साथ शंकर दादा और फ़िल्म निर्देशक रविचन्दन के फ़िल्म ज़िन्दगी में माला सिन्हा, विनोद मेहरा और संजीव कुमार के साथ सह कलाकार की भूमिका निभाई थी। बाद के वर्षों में वो चरित्र अभिनेत्री के तौर पर ही चर्चित रही। साल 1976 के सुपरहिट फ़िल्म काले चरण में अलका ने शत्रुघ्न सिन्हा की बहन का रोल निभाया था।

इसी साल उन्होंने तमिल फ़िल्म मगना माली गई में भी ली रोल किया। इस फ़िल्म में इनके साथ मनोरमा, मंजुला और शिवा कुमार जैसे अदाकारों ने काम किया था। साल 1977 में वह चार फिल्मों में नजर आई। धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की सुपरहिट फ़िल्म ड्रीम गर्ल में अलका के किरदार काफी अच्छा था, जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया। फ़िल्म पापी में उन्होंने सुनील दत्त, संजीव कुमार, रीना रॉय के साथ डॉली डिकोस्टा की भूमिका में साइड रोल निभाया और फ़िल्म टीकू में उन्होंने राजेश खन्ना और धर्मेन्द्र के साथ एयर होस्टेस का किरदार निभाया था।

इसी तरह विनोद खन्ना और नीतू सिंह की मुख्य भूमिका वाली फ़िल्म महा बदमाश में वो माला के छोटे से किरदार में दिखी। साल 1978 में भी वो तीन फिल्मों में देखी जिनके नाम थे राहु केतु, तुम्हारी कसम और फ़िल्म अमर शक्ति में युवा रानी रुपा का किरदार निभाया था। साल 1979 में उन्होंने दो फिल्मों में काम किया। ये फ़िल्म में थी विनोद खन्ना और रेखा की मुख्य भूमिका वाली शिकारी और सुनील दत्त व रेखा के फ़िल्म अहिंसा।

अलका की निजी जिंदगी:

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उन्होंने अपने फिल्मी करियर में लगभग 40 फिल्मों में काम किया। रिपोर्ट्स की माने तो इसके बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया था और अपने पति के साथ अमेरिका चली गई। इनकी शादी जाने माने संगीतकार प्यारे लाल के छोटे भाई गणेश से हुई थी। कम लोगों को पता होगा की गणेश भी एक संगीतकार थे और उन्होंने 60 और 70 के दशक में कई हिट फिल्मों में संगीत दिया था। फ़िल्म स्मगलर धमकी, सा रे गा मा पा, शरारत, दोज़क समेत करीब डेढ़ दर्जन फिल्मों में संगीत दिया है।

1966 की फ़िल्म ठाकुर जनरल सिंह का मशहूर गाना पान खाये सैया हमारो इन्हीं का संगीत बद्ध किया हुआ था। अभिनेत्री अलका अमेरिका में अपने बच्चों के साथ होटल के बिज़नेस को संभलती हैं और इनके दो बच्चे हैं। एक बेटा और एक बेटे वीना। हालांकि इनकी फेमेली के  बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली।

तो दोस्तों कैसी लगी आपको आज की हमारी है जानकारी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएगा, नमस्कार।

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